पटना, 26 अगस्त 2025।
राजधानी पटना में नशे के कारोबार पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। मंगलवार को कंकड़बाग थाना क्षेत्र के मलाही पकड़ी पानी टंकी के पास स्थित एक गुमटी से गांजा बेचे जाने की सूचना पर छापेमारी की गई। नगर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) श्री परिचय कुमार के निर्देश पर गठित पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की।
छापेमारी की पूरी कहानी
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कंकड़बाग इलाके में एक गुमटी से गांजा की अवैध बिक्री की जा रही है। सूचना की पुष्टि के बाद पुलिस ने जाल बिछाया और गुमटी पर अचानक छापेमारी कर दी। जैसे ही पुलिस पहुंची, वहां मौजूद दो युवक भागने लगे। सतर्क पुलिसकर्मियों ने दोनों को दौड़ाकर पकड़ लिया।
गुमटी की तलाशी के दौरान भारी मात्रा में नशे का सामान बरामद हुआ।
पुलिस की बरामदगी
तलाशी के दौरान पुलिस ने गुमटी से कुल 217 पुड़िया गांजा, गोगो नामक 41 नशे के पैकेट, 930 रुपये नकद, और एक पे-फोन स्कैनर (QR कोड स्कैनर) बरामद किया। यह स्कैनर संभवतः नशे की लेन-देन में डिजिटल भुगतान के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था।
क्या है गोगो?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, गोगो नामक पैकेट नशे का एक प्रकार का उत्पाद है, जिसका इस्तेमाल नशेड़ी अक्सर तंबाकू या अन्य पदार्थों के साथ मिलाकर करते हैं। इसकी मांग युवाओं में तेजी से बढ़ रही है और यही कारण है कि तस्कर इसको छोटे-छोटे पैकेट में बेच रहे हैं।
मामला दर्ज, आगे की कार्रवाई जारी
पुलिस ने मौके पर दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर थाने ले जाया। इस संबंध में स्थानीय थाना में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अब आरोपियों से पूछताछ कर यह जानने की कोशिश कर रही है कि इनके तार किस बड़े गिरोह से जुड़े हैं।
नगर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) परिचय कुमार ने प्रेस को जानकारी देते हुए कहा –
“नशे के कारोबार को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कंकड़बाग इलाके में हुई कार्रवाई पुलिस की सतर्कता का परिणाम है। बरामद गांजा व अन्य सामानों की जांच की जा रही है। आरोपियों से पूछताछ कर पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जाएगा।”
कंकड़बाग में क्यों बढ़ रहा है नशे का कारोबार?
कंकड़बाग पटना का घनी आबादी वाला क्षेत्र है। यहां छात्र, नौकरीपेशा लोग और मध्यमवर्गीय परिवार बड़ी संख्या में रहते हैं। आसानी से छिपने और भीड़ में घुल-मिल जाने की वजह से नशे का कारोबार करने वाले गिरोह अक्सर ऐसे इलाकों को निशाना बनाते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि नशे की सबसे बड़ी मांग युवाओं में है। कॉलेज जाने वाले छात्र और बेरोजगार युवा नशे का आसान शिकार बन जाते हैं। पुलिस की लगातार कार्रवाई के बावजूद नशे का कारोबार पूरी तरह से खत्म नहीं हो पा रहा है।
हाल की घटनाएं और पुलिस की सख्ती
यह पहली बार नहीं है जब पटना पुलिस ने नशे के कारोबार पर बड़ी कार्रवाई की हो। बीते कुछ महीनों में कई इलाकों से गांजा, चरस और शराब तस्करी के मामलों का खुलासा हुआ है।
- जुलाई में गर्दनीबाग इलाके से 300 पुड़िया गांजा और 3 तस्कर पकड़े गए थे।
- जून में कदमकुआं इलाके से 2 किलो चरस और भारी मात्रा में गांजा बरामद किया गया था।
- अप्रैल में दीघा थाना क्षेत्र से पुलिस ने गांजा सप्लाई करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था।
डिजिटल पेमेंट से नशे का धंधा
बरामद पे-फोन स्कैनर से यह साफ है कि अब तस्कर भी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। नकद लेन-देन में पकड़े जाने के डर से अब नशे का धंधा डिजिटल हो रहा है। QR कोड स्कैनिंग के जरिए सीधे बैंक अकाउंट में पैसे लिए जाते हैं, जिससे लेन-देन का पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद इलाके में चर्चा तेज हो गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि लंबे समय से यहां कुछ असामाजिक तत्व सक्रिय थे। गुमटी में अक्सर संदिग्ध लोगों का आना-जाना देखा जाता था, लेकिन लोग खुलकर विरोध करने से डरते थे।
एक स्थानीय निवासी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा –
“पिछले कई महीनों से हम देखते थे कि गुमटी पर अलग-अलग लड़के आते-जाते थे। कई बार रात में भी भीड़ रहती थी। हमें शक था कि कुछ गलत काम हो रहा है। आज पुलिस ने कार्रवाई कर सही काम किया है।”
सरकार और प्रशासन का संकल्प
राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन लगातार यह दावा कर रहे हैं कि बिहार में नशे के कारोबार को पूरी तरह खत्म किया जाएगा। “नशा मुक्त बिहार” अभियान के तहत कई बार छापेमारी और जागरूकता अभियान चलाए जा चुके हैं।
नगर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) परिचय कुमार ने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में और सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्कूल-कॉलेजों के आस-पास विशेष निगरानी रखी जाएगी ताकि छात्र नशे के जाल में न फंसें।
नशा मुक्त समाज की दिशा में चुनौती
हालांकि, नशे के खिलाफ लड़ाई आसान नहीं है। जब तक समाज खुद आगे आकर इसका विरोध नहीं करेगा, तब तक पुलिस और प्रशासन की कोशिशें अधूरी रहेंगी। अभिभावकों, शिक्षकों और समाज के सभी वर्गों को मिलकर नशा मुक्त समाज बनाने का प्रयास करना होगा।
📌 निष्कर्ष
कंकड़बाग की यह घटना नशे के बढ़ते खतरे का ताजा उदाहरण है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से नशे का जखीरा पकड़ा गया, लेकिन यह सवाल अब भी बना हुआ है कि ऐसे कारोबार को पूरी तरह कैसे रोका जाए। पुलिस अब आरोपियों से पूछताछ कर पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने में जुटी है।