परिवहन विभाग, बिहार सरकार की पहल
त्योहार भारत की संस्कृति और परंपरा की पहचान हैं। खासकर बिहार जैसे राज्य में, जहाँ छठ महापर्व, दुर्गा पूजा, दीपावली और होली का सामाजिक और धार्मिक महत्व बहुत गहरा है, वहाँ इन अवसरों पर घर लौटने की परंपरा भी उतनी ही प्राचीन है। हर साल लाखों प्रवासी मजदूर, छात्र और कामकाजी लोग अपने परिवारों के साथ त्योहार मनाने के लिए बिहार लौटते हैं। लेकिन सबसे बड़ी समस्या होती है परिवहन की—भीड़भाड़, टिकट की कमी, और असुविधाजनक यात्रा। इन्हीं चुनौतियों को देखते हुए बिहार सरकार के परिवहन विभाग ने एक महत्वपूर्ण पहल की है, जिससे अब प्रवासी भाइयों-बहनों को त्योहारों पर घर लौटना और भी आसान होगा।
विशेष बस सेवा की शुरुआत
सरकार ने यह घोषणा की है कि आने वाले दुर्गा पूजा, दीपावली, छठ महापर्व और होली जैसे प्रमुख त्योहारों के अवसर पर प्रवासियों को बिना परेशानी घर पहुँचाने के लिए एसी/डीलक्स बसों का संचालन किया जाएगा।
दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पश्चिम बंगाल के विभिन्न मार्गों पर ये बसें चलेंगी और लोगों को सुरक्षित व आरामदायक यात्रा की सुविधा प्रदान करेंगी। टिकट की बुकिंग ऑनलाइन उपलब्ध कराई गई है, ताकि यात्रियों को लंबी कतारों में खड़ा न होना पड़े।
टिकट बुकिंग की सुविधा
इस योजना के तहत 1 सितंबर से ऑनलाइन टिकट बुकिंग शुरू हो जाएगी। यात्री बिहार राज्य सड़क परिवहन निगम (BSRTC) की वेबसाइट https://bsrtc.bihar.gov.in पर जाकर टिकट बुक कर सकेंगे। साथ ही इसके लिए टोल-फ्री नंबर 1800-345-7251 भी जारी किया गया है, ताकि किसी भी यात्री को जानकारी या सहायता लेने में दिक्कत न हो।
किन-किन मार्गों पर बस सेवा उपलब्ध होगी?
इन विशेष बसों का संचालन बिहार के प्रमुख शहरों पटना, भागलपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गया और पूर्णिया से किया जाएगा। इन शहरों से दिल्ली, गाजियाबाद, गोरखपुर, लखनऊ, कोलकाता, गुड़गांव, चंडीगढ़, पानीपत, पंचकूला, अंबाला, सिलीगुड़ी सहित कई प्रमुख गंतव्यों के लिए बसें चलेंगी।
इससे दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में रहने वाले बिहार के प्रवासियों को बड़ी राहत मिलेगी।
अवधि और संचालन
इन विशेष बस सेवाओं का संचालन 20 सितंबर 2025 से 30 नवंबर 2025 तक किया जाएगा। यह वही समय है जब त्योहारों का मौसम पूरे जोर-शोर से चलता है और प्रवासियों का भारी आवागमन होता है।

प्रवासियों के लिए यह क्यों है बड़ी सौगात?
- भीड़ से मुक्ति – त्योहारों पर रेलगाड़ियों में भारी भीड़ और टिकट की कमी बड़ी समस्या होती है। यह बस सेवा उस दबाव को कम करेगी।
- सुलभ और सुरक्षित यात्रा – आधुनिक एसी और डीलक्स बसें यात्रियों को आरामदायक यात्रा का अनुभव देंगी।
- ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा – अब बिना किसी दलाल या अतिरिक्त पैसे खर्च किए, सीधे ऑनलाइन टिकट खरीदा जा सकेगा।
- गाँव-शहर का जुड़ाव – दूर-दराज़ में काम करने वाले लोग आसानी से अपने गाँव-घर लौट सकेंगे और परिजनों के साथ त्योहार मना सकेंगे।
सामाजिक और भावनात्मक महत्व
बिहार से बाहर रहने वाले प्रवासी चाहे नौकरी के कारण हों या शिक्षा के कारण, त्योहारों पर अपने परिवार के पास लौटने की गहरी इच्छा रखते हैं। छठ महापर्व जैसे पर्व तो वैसे भी परिवार और सामूहिक भावनाओं का प्रतीक माने जाते हैं। ऐसे में सरकार की यह पहल केवल परिवहन व्यवस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और भावनात्मक जुड़ाव को भी मजबूत करती है।
आर्थिक दृष्टि से लाभकारी
इन बस सेवाओं का संचालन न केवल यात्रियों को सुविधा देगा बल्कि स्थानीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा। जब बड़ी संख्या में प्रवासी घर लौटेंगे तो उनके द्वारा गाँव-शहरों में किया गया खर्च स्थानीय व्यापारियों, दुकानदारों और सेवा प्रदाताओं को भी लाभ पहुँचाएगा।
मुख्यमंत्री की मंशा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हमेशा से प्रवासी बिहारियों की समस्याओं को गंभीरता से लिया है। यह पहल उनकी उसी सोच का हिस्सा है, जिसमें हर प्रवासी को अपने राज्य और परिवार से जुड़े रहने की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
निष्कर्ष
त्योहार सिर्फ पूजा-पाठ और रस्मों तक सीमित नहीं होते, वे परिवारों को जोड़ने का अवसर भी होते हैं। जब प्रवासी अपने घर लौटते हैं तो न केवल उनका मन प्रसन्न होता है बल्कि समाज और संस्कृति भी सशक्त होती है। बिहार सरकार की यह विशेष बस सेवा प्रवासी भाइयों-बहनों के लिए एक बड़ी सौगात है, जिससे अब त्योहारों पर घर लौटना और भी आसान और सुविधाजनक हो जाएगा।
यह योजना निश्चित रूप से आने वाले समय में प्रवासी बिहारियों के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव लाएगी और त्योहारों की खुशियों को दोगुना कर देगी।