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मनेर की मासूम: 10 साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या की वारदात ने हिलाया बिहार, आरोपी बगीचे का रखवाला गिरफ्तार

पटना (मनेर)। बिहार की राजधानी पटना से सटे मनेर में घटित एक जघन्य अपराध ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। 10 वर्षीय मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म कर हत्या कर दी गई और उसके शव को पेड़ से लटका दिया गया। इस वारदात ने न सिर्फ स्थानीय लोगों बल्कि पूरे बिहार में आक्रोश और भय का माहौल पैदा कर दिया है। घटना के बाद ग्रामीणों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया और कैंडल मार्च निकालकर हत्यारे को फांसी की सजा देने की मांग की।

पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपित भोला राय (48 वर्ष), जो कि उसी बगीचे का रखवाला था, को गिरफ्तार कर लिया है। शुरुआती जांच में सामने आया कि आरोपी का आचरण पहले से ही संदिग्ध था और उसने घटना से एक दिन पहले भी बच्ची के साथ छेड़खानी की थी, जो सीसीटीवी फुटेज में दर्ज हुई।


घटना की पूरी कहानी: कब, कैसे और कहाँ हुआ अपराध

बच्ची का लापता होना

घटना 26 अगस्त से शुरू होती है। मनेर थाना क्षेत्र के आजाद नगर मोहल्ले की रहने वाली 10 साल की बच्ची दोपहर करीब 1 बजे बगीचे की ओर जलावन की लकड़ी बटोरने गई थी। वह एक बार लकड़ी का गट्ठर लेकर लौटी और अपनी दादी को बताया कि वहाँ और लकड़ी पड़ी है। दादी ने उसे दोबारा जाने से मना नहीं किया। बच्ची बोली कि वहाँ और लोग भी मौजूद हैं और लकड़ी चुनकर रखी हुई है। इसके बाद वह दूसरी बार गई लेकिन वापस नहीं लौटी।

शाम ढलते-ढलते परिवार ने बच्ची को खोजने का प्रयास शुरू किया। पूरी रात परिजन और ग्रामीण आसपास के खेतों, गंगा और सोन नदी के किनारों पर बच्ची को खोजते रहे। लेकिन वह कहीं नहीं मिली।

शव की बरामदगी

28 अगस्त की सुबह लोगों ने देखा कि बगीचे के अंदर एक पेड़ पर बच्ची का शव लटका हुआ है। यह दृश्य देखकर इलाके में सनसनी फैल गई। देखते ही देखते वहां सैकड़ों लोग जमा हो गए। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। पुलिस को सूचना दी गई और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी

जांच के दौरान सामने आया कि बगीचे का रखवाला भोला राय ही इस जघन्य अपराध का जिम्मेदार है। पुलिस ने बताया कि भोला राय का आचरण पहले से ही संदिग्ध रहा है। घटना से एक दिन पहले 25 अगस्त को भी उसने बच्ची को अमरूद का लालच देकर छेड़खानी की थी। यह पूरी घटना बगीचे में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी।

सीसीटीवी फुटेज और गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने 27 अगस्त की देर रात विशेष टीम बनाकर भोला राय को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया।


पुलिस की भूमिका और कार्रवाई

सिटी एसपी पश्चिमी भानु प्रताप सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और आरोपित को दबोच लिया। पुलिस के अनुसार, भोला राय ने पहले बच्ची को नमकीन और कोल्ड ड्रिंक खिलाया, फिर बहला-फुसलाकर बगीचे में बुलाया। बाद में उसने दुष्कर्म किया और घटना को छुपाने के लिए बच्ची की हत्या कर शव को पेड़ से लटका दिया।

पुलिस ने बताया कि भोला राय के खिलाफ पहले भी कई शिकायतें आ चुकी थीं। ग्रामीणों के अनुसार, वह शराब पीने और महिलाओं-बच्चियों को परेशान करने के लिए कुख्यात था।

फिलहाल आरोपी से पूछताछ की जा रही है और उसके खिलाफ पॉक्सो एक्ट, दुष्कर्म और हत्या की धाराओं में केस दर्ज किया गया है।


स्थानीय लोगों का गुस्सा

घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग आक्रोशित हो उठे। 29 अगस्त की सुबह सैकड़ों ग्रामीण सड़क पर उतर आए और शव मिलने के बाद से ही न्याय की मांग करने लगे। लोगों ने मनेर की मुख्य सड़क को जाम कर हंगामा किया और पुलिस प्रशासन से दोषी को जनता के हवाले करने की मांग की।

लोगों ने कहा कि इस तरह के अपराधियों को जेल नहीं बल्कि सार्वजनिक रूप से कड़ी सजा दी जानी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी बच्चियों के साथ ऐसी हरकत करने से पहले सौ बार सोचे।


कैंडल मार्च और श्रद्धांजलि सभा

घटना के विरोध में आजाद नगर मोहल्ले में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इसके बाद लोगों ने कैंडल मार्च निकाला। कैंडल मार्च गांधी हाट, सराय मोहल्ला, बस्ती रोड से होते हुए भगत सिंह स्मारक तक पहुंचा, जहाँ इसे नुक्कड़ सभा में बदल दिया गया।

सभा में मौजूद लोगों ने एक सुर में कहा कि हत्यारे को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। ग्रामीणों ने बच्ची की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और सरकार से मांग की कि पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा और सुरक्षा प्रदान की जाए।


समाज पर असर: सुरक्षा को लेकर उठे सवाल

इस घटना ने समाज में बच्चियों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

बाल अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस तरह की घटनाएं सिर्फ एक अपराध नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी हैं।

महिला अधिकार कार्यकर्ता

महिला संगठनों ने सरकार से मांग की है कि दोषी को जल्द से जल्द फांसी दी जाए और बच्चियों की सुरक्षा को प्राथमिकता में रखा जाए। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपए का मुआवजा और बच्ची की बहनों की शिक्षा की जिम्मेदारी सरकार उठाए।


बिहार में बढ़ते अपराध और पुलिस की चुनौतियाँ

बिहार में पिछले कुछ वर्षों से दुष्कर्म और हत्या की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। NCRB (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में हर साल सैकड़ों मामले दर्ज किए जाते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि पुलिस की संख्या और संसाधन बढ़ाने के साथ-साथ समाज में जागरूकता फैलाना जरूरी है। बच्चियों को “गुड टच-बैड टच” जैसी बातें सिखाने और सुरक्षा उपायों की जानकारी देना भी समय की मांग है।


पीड़ित परिवार की स्थिति

बच्ची के माता-पिता मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। घटना के बाद से परिवार पूरी तरह टूट चुका है। दादी ने रोते हुए कहा कि “हमें क्या पता था कि लकड़ी लाने गई बिटिया इस तरह नहीं लौटेगी।”

परिवार ने सरकार से न्याय और आर्थिक सहायता की मांग की है।


निष्कर्ष

मनेर की यह घटना सिर्फ एक बच्ची की हत्या नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है। यह बताती है कि अभी भी हमारी बच्चियाँ सुरक्षित नहीं हैं और हमें सुरक्षा व्यवस्था और कानून-व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है।

ग्रामीणों और समाज की यह एकजुटता कि वे न्याय के लिए कैंडल मार्च निकाल रहे हैं, यह दिखाती है कि लोग अब चुप नहीं बैठना चाहते। सवाल यह है कि क्या प्रशासन और न्यायपालिका इतनी तेजी दिखाएगी कि दोषी को जल्द से जल्द फांसी मिल सके?

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