“बिहार की धरती सिर्फ़ इतिहास नहीं, अब भविष्य भी गढ़ रही है। और इसी भविष्य को कैमरे में कैद कर रहे हैं – वैशाली जिले से हमारे आज के मेहमान, ट्रैवल कंटेंट क्रिएटर अशुतोष।
उनका सफर सिर्फ़ घूमने का नहीं, बल्कि अपनी माटी की कहानियों को दुनिया तक पहुँचाने का है।
Info Bihar में आज हम जानेंगे – एक युवा की नज़र से अपने गाँव, अपने ज़िले और अपने बिहार को देखने का नजरिया।”
नाम – आशुतोष ( गोमटी , हाजीपुर )
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प्रश्न – आप किस प्रकार के कंटेंट बनाते हैं? (ट्रैवल, स्टोरीटेलिंग, व्लॉगिंग, इत्यादि):
“मैं मुख्य रूप से लोकल कल्चर और लाइफ़स्टाइल पर आधारित ट्रैवल कंटेंट बनाता हूँ, खासकर हाजीपुर, बिहार (BR31) में। मेरा काम सिर्फ जगह दिखाना नहीं, बल्कि वहाँ की गलियों, लोगों, खानपान और माहौल को कैमरे में कैद करना है। ✨ स्ट्रीट एक्सप्लोरेशन के जरिए मैं गलियों, जगहों और स्थानीय बाजारों का अनुभव साझा करता हूँ। 📸 स्ट्रीट फ़ोटोग्राफ़ी और विज़ुअल स्टोरीटेलिंग से मैं उन लम्हों को दर्शकों तक पहुँचाता हूँ जो रोज़मर्रा में छूट जाते हैं। 🍽️ फ़ूडी फ़ाइंड्स के तहत मैं स्थानीय खाने-पीने की जगहों और छुपे हुए रत्नों को खोजकर दिखाता हूँ। 🧭 एक लोकल गाइड की तरह मैं दर्शकों को न सिर्फ जगह की जानकारी देता हूँ, बल्कि उन्हें उस जगह का असली अनुभव महसूस कराने की कोशिश करता हूँ।”
प्रश्न – आपने ट्रैवल कंटेंट बनाना कब और क्यों शुरू किया?
“मेरे लिए हाजीपुर सिर्फ एक जगह नहीं, बल्कि एक एहसास है — यहाँ की संस्कृति, लोग और अनकही कहानियाँ। मैंने Streets of Hajipur इसलिए शुरू किया ताकि अपने शहर की आत्मा को कैमरे में कैद कर सकूँ — इसकी रौनक भरी गलियाँ, छुपे हुए खज़ाने, मोहब्बत से भरा खाना और वो चेहरे जो अपनी कहानियाँ खुद बयां करते हैं। हमारे आसपास इतनी खूबसूरती है, जो अक्सर अनदेखी रह जाती है — मैं बस चाहता था कि ‘रिकॉर्ड’ बटन दबाऊँ और दुनिया को दिखाऊँ कि सबसे छोटे कोनों में भी कुछ ऐसा होता है जिसे साझा करना चाहिए। और इसे दिखाने के लिए मुझसे बेहतर कौन हो सकता है, जो इस शहर को अपना घर कहता है। 🏡❤️
Streets of Hajipur का मकसद है यह बताना कि हमारा शहर छोटा नहीं, बल्कि कम आंका गया है। यहाँ की हर गली में एक कहानी छुपी है, और मैं बस एक कैमरे वाला कहानीकार हूँ। 📸✨”
प्रश्न – अब तक आपने बिहार की कौन-कौन सी खास जगहें एक्सप्लोर की हैं?
“अब तक मैंने हाजीपुर के लगभग हर कोने को एक्सप्लोर किया है — इसकी गलियाँ, बाजार, खाने-पीने की जगहें और छुपे हुए रत्न। लेकिन मेरा सफ़र यहीं नहीं रुकने वाला। मेरा लक्ष्य है पूरे बिहार को एक-एक जगह करके एक्सप्लोर करना और उसकी असली खूबसूरती, संस्कृति और कहानियों को दुनिया तक पहुँचाना।”
प्रश्न – कोई एक जगह जो आपको सबसे ज़्यादा पसंद आई और क्यों?
“मेरे लिए हाजीपुर सिर्फ मेरा शहर नहीं, मेरी धड़कन है। यह वो जगह है जहाँ सुबहें मंदिर की घंटियों से शुरू होती हैं और शामें चाट की खुशबू, ठहाकों और रौनक से भर जाती हैं। यहाँ की हर गली एक याद समेटे है, हर मोड़ एक कहानी कहता है।
लोग इसे छोटा शहर कह सकते हैं, लेकिन मेरे लिए यह मेरी ज़िंदगी का सबसे बड़ा हिस्सा है। यह जगह सच्ची है, अपनी जड़ों से जुड़ी है — और यही इसकी सबसे बड़ी खूबसूरती है।
हाजीपुर सिर्फ एक शहर नहीं, मेरे लिए हर मायने में मेरा घर है। ❤️”
प्रश्न – शूटिंग के दौरान की कोई मज़ेदार या चुनौतीपूर्ण घटना शेयर करें।
हाजीपुर में शूटिंग के दौरान का एक सबसे दिलचस्प लम्हा तब आया, जब मैं एक सुबह-सुबह चाय की दुकान पर शूट कर रहा था।
चायवाले अंकल ने कैमरा देखा, मुस्कुराए और बोले —
‘बेटा, फोटो मत लो, वीडियो लो… लेकिन चाय ज़रूर पीना, वरना कहानी अधूरी रह जाएगी।’
मैं भी मुस्कुराया और बैठ गया। जो शूट सिर्फ 2 मिनट का होना था, वो 30 मिनट की बातचीत में बदल गया — उनकी ज़िंदगी, चाय के प्रति उनका प्यार और 25 साल से उसी जगह पर चाय परोसने की उनकी कहानी सुनते-सुनते।
उस दिन मैंने सिर्फ कंटेंट नहीं शूट किया, बल्कि एक कहानी सुनी, एक जुड़ाव महसूस किया और जाना कि —
‘असली हाजीपुर उसकी जगहों में नहीं, उसके लोगों में बसता है।’“
प्रश्न – आप वीडियो शूट करते समय किन बातों का ध्यान रखते हैं?
जब भी मैं शूट करता हूँ, तो सिर्फ वीडियो नहीं बनाता — यादें कैप्चर करता हूँ।
मेरी कोशिश रहती है कि हर फ्रेम में एक कहानी हो और हर आवाज़ में असलीपन झलके।
इसी सोच के साथ मैं कैमरा उठाता हूँ, ताकि जो भी मैं रिकॉर्ड करूँ, वो सिर्फ देखा ही न जाए, बल्कि महसूस भी किया जा सके।”
प्रश्न – आप हफ्ते में कितने दिन शूट करते हैं और कैसे प्लान करते हैं?
“मैं हफ़्ते में 3–4 दिन शूट करता हूँ।
कुछ जगहों की प्लानिंग पहले से होती है, लेकिन कई बार बेहतरीन शॉट्स मुझे रास्ते में ही मिल जाते हैं।
हाजीपुर की खासियत ही यही है कि इसकी कहानियाँ आपको हर मोड़ पर, हर गली में मिल जाती हैं — बस कैमरा तैयार होना चाहिए।”
प्रश्न – आप अपने दर्शकों से किस प्रकार जुड़ते हैं – लाइव, कमेंट्स, DMs?
“मेरे लिए कंटेंट सिर्फ बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि लोगों से जुड़ना भी उतना ही जरूरी है।
मैं अपने दर्शकों से DMs और कमेंट्स के ज़रिए नियमित बातचीत करता हूँ, और कभी-कभी लाइव आकर उनसे सीधे जुड़ता हूँ।
मेरी कोशिश रहती है कि जो लोग मेरा कंटेंट देखते हैं, उन्हें ये महसूस हो कि मैं सिर्फ कैमरे के पीछे नहीं, बल्कि उनके साथ हूँ।”
प्रश्न – बिहार के ट्रैवल स्पॉट्स को लेकर लोगों की सबसे बड़ी गलतफहमी क्या है?
लोग कहते हैं बिहार में क्या है? मैं कहता हूँ — यहाँ हर मोड़ पर इतिहास सांस लेता है, और हर मुस्कान में संस्कार झलकता है।
प्रश्न – क्या आपने कभी किसी ऐसे स्थान को कवर किया जिसे बहुत कम लोग जानते हैं? बताइए।
भीड़ से दूर, नक्शे से बाहर — एक जगह जो बस दिल में बस जाए, ऐसी ही हाजीपुर की गलियों में छुपी एक अनकही कहानी को मैंने कैमरे में उतारा।
प्रश्न – आपका ट्रैवल कंटेंट लोगों को क्या सिखाता है?
मेरा कंटेंट आपको घूमने से पहले देखने की, और देखने से पहले महसूस करने की कला सिखाता है।
“Info Bihar की ओर से हम आपका दिल से धन्यवाद करते हैं कि आपने अपना कीमती समय निकालकर अपने अनुभव और कहानियाँ हमारे साथ साझा कीं।
आपका जुनून, आपकी नज़र और आपका काम न सिर्फ हाजीपुर बल्कि पूरे बिहार की असली पहचान को दुनिया के सामने लाता है।
आपकी Streets of Hajipur सीरीज़ और आने वाले प्रोजेक्ट्स निश्चय ही लोगों को प्रेरित करेंगे और बिहार की छवि को और मजबूत बनाएंगे।