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🌑 Pitar Paksha 2025 : क्या आपके परिवार पर है पितृ दोष ? जानें सात पीढ़ियों तक असर करने वाला सच

हिंदू धर्म में पितृ पक्ष (Pitar Paksha 2025) का विशेष महत्व है। यह वह पखवाड़ा है जब लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करते हैं।
शास्त्रों में कहा गया है –
👉 “पितृदेवो भव” यानी माता-पिता और पूर्वज देवता समान हैं।
यदि कोई व्यक्ति अपने पितरों को उचित सम्मान और श्राद्ध न दे, तो उसे पितृ दोष (Pitru Dosh) या पितृ ऋण (Pitru Rin) का सामना करना पड़ सकता है। यह दोष केवल एक पीढ़ी को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि आने वाली सात पीढ़ियों तक असर डाल सकता है।


📖 पितृ ऋण क्या है?

पितृ ऋण (Ancestor’s Debt) का अर्थ है – पूर्वजों के अधूरे कर्म, उनके कष्ट या उनके प्रति की गई उपेक्षा का बोझ।
जब कोई व्यक्ति अपने माता-पिता या पूर्वजों का अपमान करता है, उनकी सेवा नहीं करता या श्राद्ध कर्मों की अवहेलना करता है, तो यह ऋण परिवार पर आ जाता है।


🧭 कितनी पीढ़ियों तक रहता है पितृ ऋण?

शास्त्रों में बताया गया है कि:


⚠️ पितृ दोष लगने के कारण

  1. श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण न करना।
  2. पितरों का अपमान या उनकी इच्छाओं की अवहेलना।
  3. घर में मांस-मदिरा का सेवन, पाप कर्मों का बढ़ना।
  4. ब्राह्मणों, गौ माता, भूखे और असहायों को भोजन न कराना।
  5. पूर्वजों के अधूरे कर्म, जैसे – दान-पुण्य या धार्मिक कार्य न होना।

❌ पितृ दोष के लक्षण

पितृ दोष से पीड़ित परिवार को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे:


🌑 पितृ पक्ष 2025 कब है?

पितृ पक्ष 2025 की शुरुआत: 7 सितंबर 2025 (रविवार)
पितृ पक्ष 2025 की समाप्ति: 21 सितंबर 2025 (रविवार)

👉 इन 15 दिनों में श्राद्ध, तर्पण और दान करना सबसे शुभ माना गया है।


🕉️ पितृ दोष से बचाव के उपाय (Pitru Paksha 2025 Upay)

1. श्राद्ध और तर्पण

2. ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराना

3. दान-पुण्य

4. धार्मिक पाठ और मंत्र जाप

5. पूजा-पाठ और यज्ञ

6. जीवन में संयम


🌸 पितृ पक्ष से जुड़े वैज्ञानिक दृष्टिकोण

कई लोग इसे केवल धार्मिक मान्यता मानते हैं, परंतु वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो:


✨ पितृ दोष से मिलने वाले लाभ

जब व्यक्ति ईमानदारी से पितृ पक्ष में श्राद्ध और तर्पण करता है, तो:


📌 निष्कर्ष

पितृ पक्ष 2025 केवल धार्मिक अनुष्ठान का समय नहीं है, बल्कि यह पूर्वजों के प्रति आभार और सम्मान व्यक्त करने का अवसर है।
पितृ ऋण सात पीढ़ियों तक रहता है, लेकिन यदि सही विधि-विधान से तर्पण, श्राद्ध और दान किया जाए तो इसका असर खत्म हो सकता है।

👉 इस बार पितृ पक्ष (Shradh Paksha 2025) में अपने पितरों को याद करें, श्राद्ध करें और उनके आशीर्वाद से अपने परिवार की समृद्धि सुनिश्चित करें।

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