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🪔 गणेश चतुर्थी 2025: पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और खास बातें

गणेश चतुर्थी, जिसे विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान गणेश, जो विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता हैं, का जन्मोत्सव माना जाता है।

📅 गणेश चतुर्थी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

🙏 पूजा से पहले की तैयारी

  1. घर या पंडाल को साफ-सुथरा करें।
  2. भगवान गणेश की मूर्ति को लाल या पीले वस्त्र पर विराजमान करें।
  3. चौकी पर स्वास्तिक बनाकर उस पर मूर्ति रखें।
  4. पास में कलश स्थापित करें और उसमें जल भरकर आम्रपल्लव (आम की पत्तियाँ) और नारियल रखें।

🪔 गणेश चतुर्थी पूजा विधि

  1. संकल्प लें: सबसे पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और व्रत का संकल्प लें।
  2. आवाहन करें: गणेश जी का ध्यान कर “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें।
  3. अभिषेक: मूर्ति को गंगाजल, दूध और फिर स्वच्छ जल से स्नान कराएँ।
  4. वस्त्र व आभूषण: गणेश जी को लाल या पीले वस्त्र और फूल चढ़ाएँ।
  5. आराधना सामग्री:
    • दूर्वा घास (21 तंतु)
    • मोदक, लड्डू, गुड़ और नारियल
    • लाल फूल, धूप-दीप
  6. आरती करें: गणपति की आरती गाएँ और मोदक का भोग लगाएँ।
  7. प्रदक्षिणा: गणेश जी की पूजा में केवल एक बार प्रदक्षिणा करने का विधान है।

🌸 खास बातें ध्यान रखने योग्य

🌍 पर्यावरण का ध्यान

आजकल इको-फ्रेंडली गणपति की परंपरा तेजी से बढ़ रही है। मिट्टी की मूर्ति स्थापित करने से प्रकृति को नुकसान नहीं होता और नदियाँ भी प्रदूषित नहीं होतीं।


निष्कर्ष:
गणेश चतुर्थी सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं बल्कि आस्था, उल्लास और पर्यावरण चेतना का संगम है। सही विधि और सही मुहूर्त में पूजा करने से गणपति बप्पा घर में सुख-समृद्धि, बुद्धि और विघ्न-विनाश का आशीर्वाद देते हैं।

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