पटना शहर के रामकृष्ण नगर थाना क्षेत्र के जकरियापुर इलाके से एक हृदयविदारक मामला सामने आया है। एक वकील की पत्नी, 30 वर्षीय शिवानी शर्मा, शनिवार रात को अपने ही ससुराल में पेट्रोल छिड़क कर जला दी गई। गंभीर रूप से झुलसी महिला को नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (NMCH) में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज जारी है।
इस घटना ने न केवल पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है, बल्कि समाज में घरेलू हिंसा और दहेज प्रताड़ना जैसे मुद्दों पर गहरी बहस छेड़ दी है।
8 साल की बेटी ने बताया भयावह सच
इस मामले में सबसे चौंकाने वाला खुलासा पीड़िता की 8 वर्षीय बेटी ने किया है। मासूम बच्ची के मुताबिक, उसकी दादी और दादा ने मिलकर उसकी मां को पेट्रोल से भिगोकर आग लगा दी। बच्ची ने रोते हुए बताया कि—
“दादी ने पेट्रोल डाला, दादा ने माचिस जलाई। मम्मी आग में जलने लगीं तो वो भागकर बाथरूम में गईं और पानी डालकर खुद को बचाया। इसके बाद दादा-दादी कमरे में बंद हो गए।”
बेटी ने आगे बताया कि उसने घटना के तुरंत बाद अपने नाना और मामा को फोन किया। नाना ने उसे ढांढस बंधाया और कहा—“बेटा, घबराना मत, हम आ रहे हैं।”
महिला ने दिया अपना बयान
अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही शिवानी ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि उसके ससुर अरुण सिंह ने उसका हाथ पकड़ा और सास सुषमा सिंह ने उसके ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा दी।
शिवानी ने बताया कि वह किसी तरह बाथरूम में भागी और पानी डालकर आग बुझाई। उसी हालत में उसने खुद रामकृष्ण नगर थाना को फोन कर घटना की जानकारी दी।
शादी के बाद शुरू हुआ उत्पीड़न
मामले की तहकीकात में यह भी सामने आया है कि शिवानी शर्मा की शादी साल 2016 में वकील अंशु कुमार से हुई थी। शुरुआती दिनों में सब ठीक रहा, लेकिन बेटी के जन्म के डेढ़ साल बाद से हालात बिगड़ने लगे।
परिजनों ने बेटी की पढ़ाई का विरोध किया और स्कूल का सामान तक देने से इंकार कर दिया। यही नहीं, शिवानी का आरोप है कि उसके पति ने उसे बिना तलाक दिए दूसरी शादी कर ली।
इस तरह के हालात में शिवानी पर मानसिक और शारीरिक दबाव बढ़ता गया। अंततः यह विवाद जानलेवा हमले तक पहुंच गया।
फरार हैं ससुराल वाले
घटना के बाद से महिला के ससुराल वाले घर से फरार हैं। पुलिस ने उनकी तलाश शुरू कर दी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ससुराल वालों के खिलाफ पहले भी कई बार विवाद और झगड़े की बातें सामने आई थीं।
थाना प्रभारी का बयान
रामकृष्ण नगर थाना प्रभारी आशुतोष झा ने मीडिया से बात करते हुए कहा—
“यह मामला घरेलू विवाद का है। महिला के बयान के आधार पर सास-ससुर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। जांच जारी है और पुलिस आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है।”
सामाजिक संदर्भ: घरेलू हिंसा की जटिल तस्वीर
यह घटना केवल एक परिवार की निजी त्रासदी नहीं है, बल्कि समाज में फैली घरेलू हिंसा और महिला उत्पीड़न की कड़वी हकीकत को सामने लाती है।
भारत में हर साल हजारों महिलाएं दहेज प्रताड़ना, घरेलू हिंसा और पारिवारिक विवाद की शिकार होती हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़े बताते हैं कि बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में घरेलू हिंसा के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि महिलाओं की शिक्षा, आर्थिक स्वतंत्रता और कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूकता ही ऐसे मामलों को रोकने का सबसे मजबूत हथियार हो सकती है।
पड़ोसियों की चुप्पी और समाज की भूमिका
घटना के समय इलाके में लोगों ने शोर सुना लेकिन अंदर झांकने की हिम्मत नहीं की। कुछ पड़ोसियों का कहना है कि घर में आए दिन झगड़ा होता था। सवाल उठता है कि क्या समाज की चुप्पी भी कहीं न कहीं इन घटनाओं को बढ़ावा देती है?
विशेषज्ञ कहते हैं कि घरेलू विवाद को सिर्फ “घर का मामला” मानकर नजरअंदाज करना गलत है। समाज को चाहिए कि वह पीड़ित महिलाओं को सहयोग और कानूनी मदद दिलाने में सक्रिय भूमिका निभाए।
अब आगे क्या?
फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है और शिवानी का इलाज चल रहा है। अगर बच्ची और महिला के बयान सही साबित होते हैं, तो सास-ससुर के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होना तय है।
लेकिन इस घटना ने फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर कब तक महिलाएं अपने ही घर में असुरक्षित रहेंगी?
निष्कर्ष
पटना की यह घटना घरेलू हिंसा की भयावहता का जीता-जागता उदाहरण है। एक शिक्षित महिला, एक वकील की पत्नी होने के बावजूद उसे अपने ही घर में प्रताड़ित और जलाने की कोशिश का सामना करना पड़ा।
यह मामला न केवल कानूनी जांच का विषय है, बल्कि समाज के लिए भी आईना है—जहां आज भी महिला की आवाज दबाने की कोशिश की जाती है, और उनकी सुरक्षा सबसे बड़े सवालों में से एक बनी हुई है।