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भाद्रपद पूर्णिमा 2025 की तिथि और समय

भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि हिन्दू पंचांग के अनुसार 07 सितंबर 2025 (रविवार) को मनाई जाएगी। इस दिन को शास्त्रों में अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। भाद्रपद पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और पितरों का तर्पण विशेष फलदायी माना जाता है। इसी दिन से अगले दिन पितृ पक्ष की शुरुआत होती है, जो अमावस्या तक चलता है।

  • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 07 सितंबर 2025, सुबह 08:05 बजे
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त: 08 सितंबर 2025, सुबह 06:48 बजे
  • चंद्र ग्रहण समय: रात 09:58 बजे से 01:26 बजे तक
  • सूतक काल: दोपहर 12:19 बजे से

🌸 भाद्रपद पूर्णिमा का महत्व

भाद्रपद पूर्णिमा हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखती है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान, भगवान लक्ष्मी-नारायण की पूजा और दान-पुण्य करने से पाप नष्ट होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

  • इस दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने से पितृदोष समाप्त होता है।
  • धार्मिक मान्यता है कि इस तिथि पर स्नान और दान करने से सप्त जन्मों के पाप समाप्त हो जाते हैं।
  • यह दिन मनोकामना पूर्णिमा भी कहलाता है, क्योंकि इस दिन किया गया जप, तप और दान फलदायी माना जाता है।

🪔 पूजा विधि (Bhadrapada Purnima Puja Vidhi)

  1. सुबह जल्दी उठकर गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
  2. घर पर गंगाजल मिलाकर स्नान करने का भी समान फल मिलता है।
  3. स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें।
  4. भगवान लक्ष्मी-नारायण की विधिवत पूजा करें।
  5. भगवान को तुलसी पत्र, फूल, धूप-दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
  6. ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा दें।
  7. शाम को चंद्रमा को अर्घ्य दें।
  8. जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें।

🌑 भाद्रपद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण 2025

इस बार भाद्रपद पूर्णिमा पर आंशिक चंद्र ग्रहण भी लग रहा है।

  • ग्रहण प्रारंभ: रात 09:58 बजे
  • ग्रहण समाप्त: रात 01:26 बजे
  • सूतक काल प्रारंभ: दोपहर 12:19 बजे से

👉 सूतक काल के नियम:

  • मंदिरों के द्वार बंद रहेंगे।
  • शुभ कार्य वर्जित रहेंगे।
  • गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
  • ग्रहण काल में भगवान का स्मरण, जप और ध्यान करना अत्यंत शुभ होता है।

🧿 राशि अनुसार दान के उपाय (Bhadrapada Purnima 2025 Daan)

🌟 मेष राशि: अनार, रागी और गेहूं का दान करें।
🌟 वृषभ राशि: चावल, आटा और नमक का दान शुभ रहेगा।
🌟 मिथुन राशि: साबुत मूंग और धनिया दान करने से लाभ मिलेगा।
🌟 कर्क राशि: चावल, शक्कर और नारियल का दान करें।
🌟 सिंह राशि: सेब, गुड़ और मूंगफली दान करना फलदायी होगा।
🌟 कन्या राशि: हरी सब्जियों का दान करें।
🌟 तुला राशि: सफेद वस्त्र और अन्न का दान करें।
🌟 वृश्चिक राशि: लाल कपड़े और धन का दान करने से कष्ट दूर होंगे।
🌟 धनु राशि: मकई और बेसन के लड्डू दान करें।
🌟 मकर राशि: उड़द और सरसों के तेल का दान शुभ फल देगा।
🌟 कुंभ राशि: काले तिल और नीले कपड़े का दान करें।
🌟 मीन राशि: चने की दाल, बेसन और लड्डू का दान करें।

👉 इन उपायों से जातक के जीवन में शांति, समृद्धि और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।


🙏 भाद्रपद पूर्णिमा और पितृ पक्ष का संबंध

भाद्रपद पूर्णिमा के अगले दिन से ही पितृ पक्ष की शुरुआत होती है। इसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और दान-पुण्य किया जाता है।

  • पितृ दोष से पीड़ित लोगों को इस दिन विशेष रूप से तर्पण करना चाहिए।
  • मान्यता है कि जो व्यक्ति पितरों को प्रसन्न करता है, उसके जीवन में सुख-समृद्धि और संतान सुख प्राप्त होता है।
  • इस दिन पिंडदान और तर्पण करने से पितरों की आत्मा तृप्त होती है और वे आशीर्वाद देते हैं।

🌟 भाद्रपद पूर्णिमा पर विशेष उपाय

  1. चंद्र ग्रहण के दौरान भगवान विष्णु के मंत्र का जाप करें।
  2. तुलसी पत्र से पूजा कर घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करें।
  3. गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
  4. सफेद वस्त्र और मिठाई का दान करें।
  5. गीता का सातवाँ अध्याय पढ़ें।

📝 निष्कर्ष

भाद्रपद पूर्णिमा 2025 का दिन आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन किया गया स्नान, दान और पूजा न केवल पुण्य फल देता है बल्कि पितरों की कृपा भी दिलाता है। इस वर्ष इस दिन चंद्र ग्रहण भी है, जो इसके महत्व को और बढ़ा देता है।

👉 यदि राशि अनुसार दान किया जाए तो जीवन की सभी परेशानियाँ दूर होकर सुख-समृद्धि मिलती है।
👉 यह दिन पितरों की आत्मा की शांति और परिवार में खुशहाली लाने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।