• Wed. Sep 3rd, 2025

हमारे आस-पास ऐसे लोग होते हैं जो हमेशा जलन, गुस्सा या नफरत से भरे रहते हैं। ऐसे लोग हमारी बातों या कामों में कमी ढूँढ़ते हैं और हमें परेशान करने की कोशिश करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं? ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनके मन में परेशानी और दुख होता है।

एक कहानी इस बात को बहुत आसान तरीके से समझाती है।

एक गाँव में एक समझदार आदमी रहता था। उसका पड़ोसी उससे बहुत जलता था। वह रोज़ उसे बुरा कहता, गुस्सा दिखाता। लेकिन समझदार आदमी कभी जवाब में गुस्सा नहीं करता। एक दिन उसने पड़ोसी को एक टोकरी भरकर अच्छे-ताज़े सेब दिए। पड़ोसी हैरान हो गया और पूछा – “तुम मुझे ये क्यों दे रहे हो?”
उस समझदार आदमी ने मुस्कुराते हुए कहा – “हर कोई वही देता है जो उसके पास है। तुम्हारे पास नफरत है, इसलिए तुम वही देते हो। मेरे पास प्यार है, इसलिए मैं वही देता हूँ।”

इससे हमें क्या सीख मिलती है?

इससे हमें यह सीख मिलती है कि जब कोई आपको बुरा कहे, तो आप बुरा मत कहो। अगर कोई आपको पत्थर मारे, तो आप ऊँचा उठो। मतलब, गुस्से का जवाब गुस्से से मत दो। अगर आप भी गुस्से में जवाब दोगे, तो आप भी उसी स्तर पर गिर जाओगे।

याद रखो – जो लोग गुस्से में रहते हैं, वो अंदर से परेशान होते हैं। उनकी नफरत को अपने दिल में मत लो। इसके बजाय, अच्छे रहो, शांत रहो और अपना ध्यान अपने काम पर लगाओ। यही असली समझदारी है।

हमेशा याद रखें – सच्ची जीत तब होती है, जब आप नफ़रत का जवाब प्यार से देते हैं। बुराई से डरने के बजाय, अच्छाई से उसका सामना करें।

इस गहरी सीख को और अच्छे से समझने के लिए मैं आपको एक प्रेरणादायक कहानी सुनाती हूँ – “कबूतर और पत्थर”।

“कबूतर और पत्थर”
एक बार की बात है, एक खूबसूरत बगीचे में एक सफेद कबूतर पेड़ की डाल पर बैठा था। वह आराम से अपने पंख साफ कर रहा था और चहचहा रहा था। तभी वहाँ से एक छोटा लड़का गुज़रा। उसने कबूतर को देखा और शरारत में एक पत्थर उठाकर कबूतर पर फेंक दिया।
पत्थर कबूतर के पास से गुज़रा, लेकिन कबूतर को चोट नहीं लगी। कबूतर डरकर उड़ गया और एक ऊँचे पेड़ की डाल पर जाकर बैठ गया।
कबूतर ने सोचा, “इस बच्चे ने मुझे पत्थर क्यों मारा? मैंने तो इसे कुछ नहीं कहा।”
कुछ देर बाद कबूतर ने देखा कि बच्चा अब भी पत्थर लेकर उसे मारने की कोशिश कर रहा है। लेकिन इस बार कबूतर ने गुस्सा नहीं किया। उसने खुद से कहा –
“अगर मैं भी गुस्से में कुछ करूँगा, तो मैं भी वही करूँगा जो उसने किया। लेकिन मैं उससे बेहतर हूँ।”
फिर कबूतर ऊपर आसमान में उड़ गया और आज़ादी से उड़ता हुआ सोचने लगा –
“कभी भी गुस्से का जवाब गुस्से से मत देना। अगर कोई तुम्हें चोट पहुँचाने की कोशिश करे, तो तुम ऊँचाई पर जाओ, यानी अपने आपको बेहतर बनाओ।”

सीख:

जब कोई तुम्हें बुरा कहे या चोट पहुँचाए, तो गुस्से में मत आओ। अगर कोई तुम्हें पत्थर मारे, तो तुम ऊपर उड़ो। यानी, गुस्से का जवाब गुस्से से मत दो। अगर तुम भी गुस्से में वही करोगे, तो तुम भी उसी स्तर पर गिर जाओगे। ऊँचा उठो और शांत रहो। यही असली ताकत है।

By Anjani Gupta

अंजनी गुप्ता वर्तमान में InfoBihar में बतौर डिजिटल कंटेंट क्रिएटर कार्यरत हैं। इन्हें कंटेंट राइटिंग, स्टोरीटेलिंग और क्रिएटिव स्क्रिप्ट राइटिंग में गहरी समझ है। खासतौर पर मोरल स्टोरीज, बच्चों के लिए रोचक कंटेंट, एजुकेशन, सोशल वेलफेयर और हिस्टोरिकल टॉपिक्स पर लिखने में अंजनी को महारत हासिल है। इनके पास कंटेंट डेवलपमेंट और डिजिटल मीडिया में कई वर्षों का अनुभव है। चाहे मोटिवेशनल स्टोरीज हों, हॉरर स्क्रिप्ट्स या फिर बच्चों के लिए इंटरैक्टिव स्टोरीज, अंजनी हर कंटेंट को सरल, आकर्षक और इन्फॉर्मेटिव भाषा में प्रस्तुत करना जानती हैं। राइटिंग के अलावा अंजनी को बुक डिज़ाइनिंग, क्रिएटिव आइडियाज डेवलप करना और यूट्यूब के लिए नैरेटिव-बेस्ड स्क्रिप्ट तैयार करना पसंद है। खाली समय में ये नई कहानियाँ लिखना, रिसर्च करना और म्यूज़िक सुनना पसंद करती हैं।