Info Bihar की ओर से एक खास अभिवादन ट्रैवल ब्लॉगर अमितेश जी को, जो बिहार की छुपी हुई सुंदरता और ऐतिहासिक विरासत को अपने कैमरे व शब्दों से संजो रहे हैं।
चाहे वो गांव की शांत वादियाँ हों या कोई भूली-बिसरी ऐतिहासिक जगह, अमितेश जी की यात्राएं बिहार की असली तस्वीर को दुनिया के सामने लाने का काम कर रही हैं।
उनकी हर कहानी, हर तस्वीर एक नई झलक देती है – एक ऐसे बिहार की, जो अब भी बहुतों के लिए अनदेखा है।

नाम – अमितेश राज
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प्रश्न – आप किस प्रकार के कंटेंट बनाते हैं? (ट्रैवल, स्टोरीटेलिंग, व्लॉगिंग, इत्यादि):
Travel | Storytelling | Explore
प्रश्न – आपने ट्रैवल कंटेंट बनाना कब और क्यों शुरू किया?
वर्ष 2023 में मैंने कंटेंट क्रिएशन शुरू किया
वजह ये रही की शुरुवात से ही मेरी रुचि कला के छेत्र में ज़्यादा रही चूँकि मैं वर्ष 2013 से ही मैं लगातार इस छेत्र में था , शुरुवात हुई भोजपुरी फोक गायकी से जहाँ एक अच्छी कंपनी से मैं भोजपुरी श्लील गानों का एल्बम निकाला करता था फिर मेरी रुचि कुछ दिनों तक मैं इसमें लगतार अच्छे से कार्य करता रहा हालाँकि थोड़े दिनों बाद मेरी मुलाकात गैंग्स ऑफ़ वासेपुर फेम सत्यकाम आनंद AKA विधायक जे पी सिंह से हुई और मैंने फ़िल्म मेकिंग शुरू किया जिसमे मैंने कई सोशल इश्यूज पर शोर्ट फ़िल्म राइटिंग , डायरेक्शन और एक्टिंग किया ….
फिर 2020 के बाद जब सब कुछ डिजिटल होने लगा तो मुझे भी लगा अपने आर्ट को एक्सपैंड करने का और मुझे ट्रैवल , एक्स्प्लोर , कहानियाँ कहना अच्छा लगता था ही तो मैंने भी रख दी पाओं कंटेंट क्रिएशन में

शुरुवात में बहुत सेल्फ डाउट होता था की क्या होगा कैसे होगा पर मैं कभी भी व्यूज और फॉलोवर इंक्रीमेंट पर डिपेंड नहीं था मुझे था की बस करना है पर धीरे धीरे जब लोगों के DMs और कमेंट्स आने लगें की भाई आप बहुत अच्छा कर रहे है , कम्युनिटी के लोग भी जब प्रशंसा करने लगे तब मुझे और स्ट्रेंथ मिलता गया
एक ख़ास बात ये भी रही की मेरा कंटेंट मुझे ख़ुद भी काफ़ी ज़्यादा पसंद आते है और मैं उसे अपलोड करने से पहले कम से कम 10-20 बार ख़ुद देख कर स्योर होता हूँ की सही लग रहा या नहीं
स्टार्टिंग में तो फ़ैमिली भी काफ़ी नाराज हुए की ये सब क्या कर रहा है पढ़ाई लिखाई छोड़ कर लेकिन बाद में उन्हें भी रियलिज़ हुआ की नहीं ये भी अच्छा है और हम इसमें भी अच्छा कर रहें है तो अब फैमिली का भी पूरा सपोर्ट मिलता है
प्रश्न – अब तक आपने बिहार की कौन-कौन सी खास जगहें एक्सप्लोर की हैं?
श्रृंगी ऋषि धाम , करवंदिया के पत्थर खदानों , गुरपा पहाड़ी , जठियाँ घाटी , तुतला भवानी , मनेर शरीफ, दशरथ मांझी पर्वत ऐसे दर्जनों स्थल जो वर्षों से लोगों की नजरों से छिपे रहे, उन्हें अपने प्रयासों से सबके सामने लाया।
पटना के 45 छुपे हुए प्राचीन मंदिरों की खोज की है, जिन्हें आज तक बहुत कम लोगों ने देखा या समझा था।
एक और अनूठा प्रयास रहा है – पटना को अंग्रेज़ी वर्णमाला (Alphabetically A to Z) के अनुसार एक्सप्लोर करना।
प्रश्न – कोई एक जगह जो आपको सबसे ज़्यादा पसंद आई और क्यों?
श्रृंगी ऋषि धाम , लखीसराय
प्रश्न – शूटिंग के दौरान की कोई मज़ेदार या चुनौतीपूर्ण घटना शेयर करें।
ये बात है जब मैं करवंडिया स्टोन माइन शूट करने गया था।
मेरे पास था मेरा Mini 4 Pro ड्रोन – छोटा, किफायती और कमाल की क्वालिटी देने वाला। लेकिन इसमें एक कमजोरी थी – तेज़ हवा में उड़ाना रिस्की होता है। जैसे ही हम करवंडिया पहुँचे, वहाँ का नज़ारा देख कर मैं ठहर सा गया। चारों तरफ पहाड़, गहराई, पत्थर की खदानें और ऊपर से तेज़ हवा। दिल कह रहा था – “मत उड़ाओ”, दिमाग डर रहा था – “ड्रोन गिर सकता है”…पर मेरी आत्मा बोल उठी – “अगर ये शॉट नहीं लिया, तो लोग कभी नहीं जान पाएँगे की बिहार में क्या छिपा हुआ है।”मैंने रिस्क लिया।सोचा – ड्रोन गिर जाए, टूट जाए, पर ये दृश्य कैमरे में आना चाहिए। और जब आप मेरा वो फुटेज देखेंगे, तो समझ जाएंगे क्यों मैंने ये रिस्क लिया था।
💫 महादेव की कृपा रही – ड्रोन सही-सलामत वापस आया।
और मैं वो दृश्य दुनिया को दिखा पाया, जो किताबों में नहीं, बिहार की मिट्टी में बसा है।
https://www.instagram.com/reel/DBGK5QdvWfM/?igsh=eTJnd2g2cmYzbTF3
ऐसा ही एक और अनुभव था जब मैं लखीसराय स्थित श्रृंगी ऋषि धाम शूट करने पहुँचा। अचानक तेज़ बारिश शुरू हो गई, लेकिन वहाँ का दृश्य इतना मंत्रमुग्ध कर देने वाला था कि मैं खुद को रोक नहीं पाया। जैसे ही बारिश थोड़ी धीमी हुई, मैंने उसी में ड्रोन उड़ाया और साथ ही अपने iPhone से भी शॉट्स लेने लगा। उस पल मैं इतना खो गया था कि मुझे एहसास भी नहीं हुआ कि मेरे फोन में पानी चला गया है। लेकिन जो मैंने वहाँ देखा, वो मेरे जीवन का सबसे दुर्लभ और अविस्मरणीय दृश्य था – श्रृंगी ऋषि धाम का ओवरफ्लो वॉटरफॉल, जो बहुत ही कम मौकों पर देखा जा सकता है। वो अनुभव न केवल मेरे कैमरे में कैद हुआ, बल्कि मेरी आत्मा में भी बस गया। मैं तो यही कहूँगा – अगर आप बिहार घूमने आएँ, तो श्रृंगी ऋषि धाम जरूर जाएँ, क्योंकि वहाँ सिर्फ दर्शन नहीं, एक गहरा अनुभव मिलता है।
प्रश्न – आप वीडियो शूट करते समय किन बातों का ध्यान रखते हैं?
किसी भी जगह के जानकारी को और डिटेलिंग को अच्छे से कैप्चर कर पाऊं
प्रश्न – आप हफ्ते में कितने दिन शूट करते हैं और कैसे प्लान करते हैं?
मैं लगभग 4-5 दिन बाहर ही रहता हूँ शूट के लिए , कभी कभी ऐसा होता है की शूट लोवशन पर ही वॉइसओवर करके वीडियोज अपलोड करने होते हैं
प्रश्न – आप अपने दर्शकों से किस प्रकार जुड़ते हैं – लाइव, कमेंट्स, DMs?
कमेंट्स और DM
प्रश्न – बिहार के ट्रैवल स्पॉट्स को लेकर लोगों की सबसे बड़ी गलतफहमी क्या है?
“लोग कहते हैं — वहाँ क्या ही मज़ा आएगा, कुछ एक्सप्लोर करने लायक नहीं, ना सेफ होगा… और अमेजिंग? भूल जाओ! पर सच्चाई तो बिल्कुल इसके उलट है — वहाँ वो सब कुछ है जो दिल, आंख और कैमरा — तीनों को बाँध कर रख दे!”
प्रश्न – क्या आपने कभी किसी ऐसे स्थान को कवर किया जिसे बहुत कम लोग जानते हैं? बताइए।
हाँ शृंगी ऋषि धाम , और करवंदिया स्टोन माइन्स
प्रश्न – आपका ट्रैवल कंटेंट लोगों को क्या सिखाता है ?
“मैं अपने ट्रैवल कंटेंट में सिर्फ जगहें नहीं दिखाता — मैं कहानियाँ सुनाता हूँ।
ऐसी कहानियाँ जो आपको निडर होकर सफ़र करना, जुनून के साथ एक्स्प्लोर करना और इंसानों से इंसानियत के साथ जुड़ना सिखाती हैं।
मेरी हर यात्रा ज़िंदगी का एक नया पहलू दिखाने की कोशिश होती है।”

प्रश्न – क्या आप बिहार टूरिज्म के साथ भविष्य में कोई साझेदारी करना चाहेंगे?
हाँ, बिल्कुल ! बिहार की धरोहर, संस्कृति और अनदेखे स्थानों को जिस नजरिए से मैं एक्स्प्लोर करता हूँ, उसका मकसद ही यही है कि लोग अपने राज्य को फिर से जानें और गर्व करें। अगर भविष्य में बिहार टूरिज़्म के साथ साझेदारी का अवसर मिलता है, तो मैं न सिर्फ पूरे समर्पण के साथ जुड़ना चाहूँगा, बल्कि यह मेरे लिए गर्व और ज़िम्मेदारी दोनों का विषय होगा
” विशेष धन्यवाद अमितेश जी जो आपने इंटरव्यू के लिए समय निकाला — आपका यह योगदान ‘बेहतर बिहार’ की दिशा में न केवल सराहनीय है, बल्कि समाज के लिए प्रेरणादायक उदाहरण भी है।
आपकी बातें, अनुभव और सोच आने वाले युवाओं को न सिर्फ जानने, बल्कि कुछ कर दिखाने की प्रेरणा देती हैं।
Info Bihar की ओर से यही कहना चाहेंगे :
हमारा उद्देश्य सिर्फ जगहें दिखाना नहीं, बल्कि बिहार की असली पहचान को उजागर करना है — उन लोगों के माध्यम से, जो इसे जीते हैं, संवारते हैं, और बेहतर बनाना चाहते हैं।
आपका साथ हमारे लिए सम्मान की बात है।
फिर मिलेंगे किसी नई कहानी के साथ — तब तक के लिए , जय बिहार।“