भारत सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए ऑनलाइन बेटिंग और मनी गेमिंग (Money Gaming) से जुड़े सभी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। कैबिनेट ने “ऑनलाइन गेमिंग बिल” को मंजूरी दे दी है और इसे लोकसभा में पेश किया जा चुका है।
क्यों लगाया जा रहा है बैन?
पिछले कुछ सालों में देशभर में ऑनलाइन बेटिंग और गेमिंग ऐप्स का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। कई लोग इन ऐप्स में पैसा लगाकर कर्ज़ में डूब गए हैं और कई केस ऐसे भी सामने आए हैं जहां युवाओं ने भारी नुकसान उठाया है। सरकार का मानना है कि ये ऐप्स समाज और युवाओं दोनों पर नकारात्मक असर डाल रहे हैं।

Online Betting Apps पर सरकार की सख्ती
- अब बेटिंग और मनी गेमिंग ऐप्स को अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा।
- इस कानून के लागू होने के बाद कोई भी ऐप या प्लेटफॉर्म भारत में ऑनलाइन बेटिंग की सुविधा नहीं दे पाएगा।
- सरकार केवल स्किल-बेस्ड गेम्स जैसे ई-स्पोर्ट्स आदि को ही मंजूरी देगी।
बड़े आंकड़े (Facts)
- देशभर में 22 करोड़ लोग किसी न किसी ऑनलाइन गेमिंग या बेटिंग ऐप से जुड़े हुए हैं।
- जनवरी से मार्च 2025 तक करीब 3.8 लाख करोड़ रुपए का बिज़नेस केवल ऑनलाइन बेटिंग से हुआ।
- सरकार ने अब तक 1,400 से ज्यादा ऐप्स पर बैन लगाया है।
- बैंकों को भी इन ऐप्स से जुड़े ट्रांजैक्शन करने की इजाज़त नहीं होगी।
ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री पर असर
भारत की ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री करीब 3.8 अरब डॉलर की है। सरकार के नए कानून से बेटिंग और मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर रोक लगेगी, लेकिन ई-स्पोर्ट्स और स्किल-बेस्ड गेमिंग ऐप्स को फायदा होगा।
टैक्स और जीएसटी नियम
सरकार पहले ही ऑनलाइन गेमिंग पर 28% GST लगा चुकी है। इस फैसले के बाद केवल वही गेम्स बचेंगे जो स्किल-बेस्ड हैं और जिनमें बेटिंग या पैसा लगाने का सिस्टम नहीं है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह कदम युवाओं को आर्थिक और मानसिक नुकसान से बचाएगा। हालांकि, इंडस्ट्री के कुछ लोगों का कहना है कि इससे स्टार्टअप्स और छोटे गेमिंग प्लेटफॉर्म्स को नुकसान हो सकता है।
👉 निष्कर्ष: सरकार का यह कदम भारत में बेटिंग और जुए जैसी आदतों पर रोक लगाने में मदद करेगा। आने वाले समय में केवल स्किल-बेस्ड गेमिंग को बढ़ावा मिलेगा, जिससे इंडस्ट्री भी सुरक्षित और ट्रांसपेरेंट तरीके से आगे बढ़ सकेगी।