भारतीय हॉकी टीम ने एक बार फिर एशियाई महाद्वीप में अपना परचम लहरा दिया। बिहार के राजगीर खेल परिसर में खेले गए एशिया कप हॉकी 2025 फाइनल में भारत ने पांच बार की चैंपियन दक्षिण कोरिया को 4-1 से मात देकर खिताब अपने नाम कर लिया। इस जीत के साथ ही भारत ने न केवल आठ साल बाद एशिया कप की ट्रॉफी जीती, बल्कि 2026 में होने वाले हॉकी वर्ल्ड कप का टिकट भी हासिल कर लिया।
8 साल बाद टूटा खिताबी सूखा
भारत ने आखिरी बार 2017 में बांग्लादेश के ढाका में एशिया कप का खिताब जीता था, जब उसने मलेशिया को फाइनल में हराया था। उसके बाद से भारतीय टीम लगातार प्रयास करती रही, लेकिन खिताब उसके हाथ से दूर रहा। इस बार राजगीर की धरती पर टीम इंडिया ने इतिहास रचते हुए चौथी बार यह खिताब अपने नाम किया।
मैच का रोमांच – भारत की शानदार शुरुआत
फाइनल मुकाबला शुरू होते ही भारत ने अपने इरादे साफ कर दिए थे। खेल के पहले ही मिनट में सुखजीत सिंह ने गोल दागकर टीम को 1-0 की बढ़त दिलाई। इस शुरुआती गोल ने भारतीय खिलाड़ियों का आत्मविश्वास दोगुना कर दिया और कोरियाई खिलाड़ियों को दबाव में ला दिया।
27वें मिनट में दिलप्रीत सिंह ने दूसरा गोल दागा और भारत की बढ़त 2-0 कर दी। तीसरे क्वार्टर में भी भारत का दबदबा कायम रहा और 44वें मिनट में दिलप्रीत ने एक और गोल कर स्कोर 3-0 कर दिया। चौथे क्वार्टर में अमित रोहिदास ने 49वें मिनट में गोल किया और भारत की जीत लगभग सुनिश्चित कर दी।
कोरिया को मिला सिर्फ एक गोल का मौका
दक्षिण कोरिया की टीम ने मैच में वापसी की कोशिश की, लेकिन भारतीय रक्षापंक्ति और गोलकीपर ने उन्हें कोई मौका नहीं दिया। कोरिया की ओर से केवल सन डेन ही गोल कर सके, जिन्होंने 50वें मिनट में टीम का पहला और आखिरी गोल किया।
मैच के आखिरी दस मिनट में कोरिया ने दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने पूरी मजबूती के साथ उनका हर आक्रमण नाकाम कर दिया। नतीजा यह रहा कि मुकाबला 4-1 से भारत के पक्ष में समाप्त हुआ।
भारत की जीत के हीरो – दिलप्रीत सिंह
फाइनल मुकाबले में दिलप्रीत सिंह भारत के हीरो रहे। उन्होंने दो बेहतरीन फील्ड गोल किए और टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया।
इसके अलावा सुखजीत सिंह और अमित रोहिदास ने भी शानदार खेल दिखाते हुए गोल किए।
टूर्नामेंट में भारत का प्रदर्शन
पूरे टूर्नामेंट में भारतीय टीम ने बेहतरीन हॉकी खेली।
- भारत ने सुपर फोर में चीन को 7-0 से हराया।
- मलेशिया के खिलाफ 4-1 से बड़ी जीत दर्ज की।
- दक्षिण कोरिया के खिलाफ ग्रुप मैच में 2-2 से ड्रॉ खेला।
- और अंततः फाइनल में 4-1 से जीतकर खिताब जीता।
भारत ने पूरे टूर्नामेंट में कुल 39 गोल किए और गोल स्कोरिंग में सबसे ऊपर रहा।
दूसरे मुकाबले – मलेशिया और जापान की जीत
- तीसरे स्थान के मुकाबले में मलेशिया ने चीन को 4-1 से हराया।
- पांचवें और छठे स्थान के लिए खेले गए मैच में जापान ने बांग्लादेश को 6-1 से मात दी।
- टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा गोल मलेशिया के अखिमुल्लाह अनुर (12 गोल) ने किए।
हॉकी इंडिया ने की पैसों की बारिश
भारतीय खिलाड़ियों की इस ऐतिहासिक जीत पर हॉकी इंडिया ने बड़ी घोषणा की।
- प्रत्येक खिलाड़ी को 3-3 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा।
- सपोर्ट स्टाफ को 1.5 लाख रुपये दिए जाएंगे।
यह इनाम खिलाड़ियों के मनोबल को और बढ़ाने का काम करेगा और भारतीय हॉकी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
क्यों खास है यह जीत?
- एशिया कप 2025 का खिताब – भारत ने चौथी बार यह टूर्नामेंट जीता।
- 8 साल का इंतजार खत्म – आखिरी बार भारत ने 2017 में खिताब जीता था।
- वर्ल्ड कप 2026 के लिए क्वालीफिकेशन – इस जीत से भारत ने सीधे वर्ल्ड कप का टिकट हासिल कर लिया।
- घरेलू धरती पर जीत – बिहार के राजगीर में खेला गया यह टूर्नामेंट भारतीय फैंस के लिए और भी खास बन गया।
बिहार और भारतीय हॉकी – एक सुनहरा पल
राजगीर खेल परिसर में हुए इस फाइनल ने बिहार को भी इतिहास के पन्नों में दर्ज कर दिया। पहली बार इस राज्य में इतना बड़ा अंतरराष्ट्रीय हॉकी टूर्नामेंट हुआ और भारत ने यहां जीत दर्ज करके इसे यादगार बना दिया।
निष्कर्ष
भारत की यह जीत केवल एक ट्रॉफी जीतने से ज्यादा मायने रखती है। यह भारतीय हॉकी की ताकत, अनुशासन और टीमवर्क का प्रतीक है। इस जीत से न केवल खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ा है बल्कि पूरे देश में हॉकी प्रेमियों को एक नया उत्साह मिला है।
अब सभी की निगाहें 2026 हॉकी वर्ल्ड कप पर होंगी, जहां भारत अपने इस शानदार प्रदर्शन को दोहराना चाहेगा। राजगीर की यह जीत आने वाले समय में भारतीय हॉकी इतिहास का स्वर्णिम अध्याय बनकर दर्ज होगी।