“जब नज़रों से गुजरते रास्ते और दिल से जुड़ते अनुभव मिलते हैं, तब एक कहानी बनती है – और ऐसी ही कहानियों को बखूबी बुनते हैं Arya Gupta, जिन्हें आप Instagram पर @heenaya_click के नाम से जानते हैं।”
बिहार से जुड़े इस जुनूनी ट्रैवल ब्लॉगर ने अनदेखे स्थलों, लोक संस्कृति और ज़मीनी खूबसूरती को अपने कैमरे की नज़रों से बेहद खास अंदाज़ में पेश किया है।”

नाम – आर्य गुप्ता
INSTAGRAM – HEENAYA_CLICK
प्रश्न – आप किस प्रकार के कंटेंट बनाते हैं? (ट्रैवल, स्टोरीटेलिंग, व्लॉगिंग, इत्यादि):
Explore historical places and travelling
प्रश्न – आपने ट्रैवल कंटेंट बनाना कब और क्यों शुरू किया?
August 2024
प्रश्न – अब तक आपने बिहार की कौन-कौन सी खास जगहें एक्सप्लोर की हैं?
रोहतासगढ़ किला और बिहार की प्राचीन धरोहरें
प्रश्न – कोई एक जगह जो आपको सबसे ज़्यादा पसंद आई और क्यों?
🏞️ “रोहतासगढ़ की घाटी – इतिहास, प्रकृति और रहस्य से भरी एक अद्भुत यात्रा!”
प्रश्न – शूटिंग के दौरान की कोई मज़ेदार या चुनौतीपूर्ण घटना शेयर करें।
“मैंने जो रोहतासगढ़ में महसूस किया, वैसा अनुभव कहीं और नहीं हुआ।
क्योंकि वहाँ मुझे एक साथ इतिहास की गहराई भी मिली और प्रकृति की सुंदरता भी।
वहाँ की घाटी इतनी खूबसूरत है कि आप बादलों को अपनी आँखों के सामने तैरते हुए देख सकते हैं।
किले के अलावा भी वहाँ कई ऐसे ऐतिहासिक स्मारक हैं जो आज जंगलों के बीच छिपे हुए हैं —
और धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो रहे हैं।
शायद आने वाले समय में वहाँ सिर्फ गिरी हुई दीवारें और टूटी हुई छतें ही बचेंगी।
ये सिर्फ यात्रा नहीं थी, बल्कि इतिहास को करीब से देखने और उसे बचाने की पुकार थी।”
प्रश्न – आप वीडियो शूट करते समय किन बातों का ध्यान रखते हैं?
“जब मैं वीडियो शूट करता हूँ, खासकर ऐसे ऐतिहासिक स्थानों पर जो अब खंडहर में बदल चुके हैं, तो सबसे पहले मैं सुरक्षा का ध्यान रखता हूँ।
क्योंकि अक्सर ये जगहें घने जंगलों के बीच होती हैं और वहाँ हर कदम सोच-समझकर रखना पड़ता है —
क्योंकि आपको ये तक नहीं पता होता कि आपके पैरों के नीचे क्या है।
टूटी दीवारें, फिसलनभरी ज़मीन और झाड़ियों में छिपे रास्ते – सब कुछ रिस्क से भरा होता है।
लेकिन इसी चुनौती में एक अलग रोमांच भी है, क्योंकि मैं जानता हूँ कि ये वही जगहें हैं जो इतिहास की खामोश कहानियाँ अपने अंदर समेटे हुए हैं।
मैं कोशिश करता हूँ कि कैमरा सिर्फ दृश्य न कैप्चर करे,
बल्कि उस जगह की भावना, डर, सुंदरता और मौन इतिहास को भी महसूस करा सके।”
प्रश्न – आप हफ्ते में कितने दिन शूट करते हैं और कैसे प्लान करते हैं?
“मैंने अपने कंटेंट जर्नी को सिर्फ विज़ुअल्स तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे एक सीरीज़ के रूप में गहराई दी।
मेरी पहली सीरीज़ 30 दिनों की थी, फिर दूसरी 45 दिनों की — और अब मेरी तीसरी और सबसे चुनौतीपूर्ण सीरीज़ चल रही है:
‘100 दिनों का सफ़र‘, जिसमें मैं बिहार के कोनों-कोनों तक जाकर वहाँ की अनदेखी कहानियों, ऐतिहासिक धरोहरों और जमीनी सच्चाई को दुनिया के सामने ला रहा हूँ।
हर दिन, हर जगह, हर कहानी — एक नया अनुभव, एक नया सवाल और एक नया जवाब लेकर आती है।
यह सिर्फ एक ट्रैवल जर्नी नहीं, बल्कि समर्पण, निरंतरता और अपने राज्य से जुड़ाव की जीवंत तस्वीर है।”

प्रश्न – आप अपने दर्शकों से किस प्रकार जुड़ते हैं – लाइव, कमेंट्स, DMs?
“मैं हर एक कमेंट और हर एक मैसेज का जवाब देने की कोशिश करता हूँ, क्योंकि वहीं से असली कनेक्शन बनता है।
लोग जब अपने गाँव, जगह या अनुभव साझा करते हैं, तो वही मेरे लिए नए-नए एक्सप्लोरेशन की शुरुआत होती है।
मेरे बहुत सारे शूट्स उन्हीं सजेशन से शुरू हुए हैं —
यानी मेरा कंटेंट सिर्फ मेरा नहीं, हम सबका मिलकर बना हुआ है।”
प्रश्न – बिहार के ट्रैवल स्पॉट्स को लेकर लोगों की सबसे बड़ी गलतफहमी क्या है?

“लोग अक्सर कहते हैं कि अकेले सफर करना ठीक नहीं, सेफ नहीं — और शायद वो सही भी हों।
क्योंकि मैं ऐसी जगहों को एक्सप्लोर करता हूँ जहाँ जंगल होते हैं, खंडहर होते हैं, और कई बार तो इंसान की आवाज भी नहीं सुनाई देती।
लेकिन यही तो मेरा पैशन है — उन जगहों तक पहुँचना जहाँ कोई नहीं जाता।
मेरे लिए ये सिर्फ ट्रैवल नहीं, बल्कि इतिहास की भूली हुई परतों को ढूंढने की एक जिम्मेदारी है।
हर जोखिम में एक कहानी छुपी है, और मैं उसे दुनिया तक पहुँचाना चाहता हूँ।”
प्रश्न – क्या आपने कभी किसी ऐसे स्थान को कवर किया जिसे बहुत कम लोग जानते हैं? बताइए।
“रोहतासगढ़ के जंगल सिर्फ हरियाली नहीं, इतिहास से भरे पड़े हैं।
इन जंगलों के भीतर कई ऐसे ऐतिहासिक धरोहर छिपे हैं जिनके बारे में न तो इंटरनेट पर जानकारी है, न ही आम लोगों को कोई अंदाज़ा।
इन्हीं जंगलों के भीतर मैंने कई ऐसे मोन्यूमेंट्स देखे, जो अब धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो रहे हैं।
साथ ही, कैमूर की पहाड़ियों में स्थित भभुआ के पास की ‘रॉक पेंटिंग्स’ को भी मैंने एक्सप्लोर किया —
जो आज भी इतिहास की रहस्यमयी परतों को बयां करती हैं,
और जिनके बारे में आज भी बहुत कम लोग जानते हैं।
ये वो सच है जिसे कैमरे में कैद करना और दुनिया को दिखाना मेरा मकसद है।”
प्रश्न – आपका ट्रैवल कंटेंट लोगों को क्या सिखाता है?
“मेरे लिए ट्रैवल सिर्फ घूमना नहीं, अपने बिहार की मिट्टी, उसकी इतिहास और भूले-बिसरे धरोहरों को महसूस करना है।
हर ऐतिहासिक जगह की दीवारें भी कहानी सुनाती हैं — और मैं उन्हें सुनने, समझने और दुनिया तक पहुँचाने निकला हूँ।”
“Info Bihar की ओर से हम आभारी हैं कि आपने समय दिया और अपनी कहानी साझा की।
आपका जज़्बा और प्रयास निश्चित ही बिहार के युवाओं के लिए प्रेरणा है।
हमारी कोशिश रहेगी कि ऐसी असली कहानियाँ आगे भी हम सबके सामने लाते रहें।
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद — Info Bihar के साथ जुड़े रहने के लिए।”