आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में सिर्फ़ बड़ों को ही नहीं, बच्चों को भी स्ट्रेस का सामना करना पड़ रहा है। पढ़ाई का प्रेशर, स्क्रीन टाइम और सोशल मीडिया की दुनिया ने बच्चों के मन को बेचैन कर दिया है। ऐसे में सवाल उठता है – क्या कोई ऐसा तरीका है जिससे बच्चे शांत, खुश और आत्मविश्वासी बन सकें?
जवाब है – हाँ, मेडिटेशन।

क्यों ज़रूरी है बच्चों के लिए मेडिटेशन?
बच्चों का मन स्पंज की तरह होता है – जो देखते हैं, वही सीखते हैं। अगर वे तनाव, गुस्सा और भागदौड़ देखेंगे, तो वही अपना लेंगे। लेकिन अगर आप उन्हें रोज़ 10-15 मिनट मेडिटेशन सिखाते हैं, तो उनमें धैर्य, आत्मविश्वास और पॉज़िटिव सोच बढ़ेगी।
कैसे कराएँ बच्चों को मेडिटेशन?
1. मज़ेदार इमेजिनेशन गेम से शुरुआत करें
सीधे “मेडिटेशन करो” कहेंगे तो बच्चा बोर हो जाएगा। इसलिए इसे गेम बना दें।
उदाहरण:
“आँखें बंद करो और सोचो कि तुम्हारे माथे पर एक छोटी-सी चमकती हुई स्टार है… यह तुम हो – प्यारे, शांत और बहुत स्ट्रॉन्ग।”
इससे बच्चा खुद को पॉज़िटिव तरीके से देखना सीखेगा।
2. सांस को सुपरपावर बनाकर दिखाएँ
बच्चे को कहें –
“चलो अब हमारी सुपरहीरो सांस एक्टिवेट करते हैं। नाक से धीरे-धीरे हवा अंदर लो… और अब बाहर छोड़ते हुए सारी टेंशन बाहर निकाल दो।”
यह उनके दिमाग को तुरंत रिलैक्स कर देगा।
3. पॉज़िटिव एनर्जी का मैजिक सिखाएँ
बच्चों को कल्पना कराएँ कि
“आसमान से एक सुनहरी रोशनी आ रही है, जो तुम्हें गले लगा रही है। यह रोशनी तुम्हें प्यार, शांति और हिम्मत दे रही है।”
यह विज़ुअलाइज़ेशन बच्चों को सुकून देगा और उनका आत्मविश्वास बढ़ाएगा।
4. छोटा मंत्र – आसान और मजेदार
“ॐ शांति” जैसे छोटे मंत्र को गेम में बदल दें।
कहें –
ओम्… शांति…”
बच्चा इसे मज़े से दोहराएगा और यह उसकी आदत बन जाएगी।
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टिप: दिन में 2-3 मिनट से शुरुआत करें। बच्चों को फोर्स न करें, बल्कि इसे गेम और स्टोरी की तरह मजेदार बनाएं।

फायदे जो आपको चौंका देंगे
- बच्चा गुस्सा कम करेगा
- ध्यान और फोकस बढ़ेगा
- रिश्तों में प्यार आएगा
- स्ट्रेस और डर दूर होगा