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पटना, बिहारPatna Civil Court एक बार फिर गंभीर धमकी की चपेट में आ गया है। शुक्रवार को कोर्ट प्रशासन को एक ईमेल प्राप्त हुआ, जिसमें दावा किया गया कि कोर्ट परिसर और न्यायाधीशों के कक्षों में आरडीएक्स आईईडी लगाए गए हैं। धमकी भरे इस मेल ने न केवल कोर्ट परिसर में बल्कि पूरे शहर की सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मचा दिया। तुरंत ही पुलिस की टीम, बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वॉड को मौके पर भेजा गया और पूरे परिसर को खाली करवा कर गहन जांच शुरू कर दी गई।


धमकी में ISI का जिक्र और चेतावनी

मिली जानकारी के अनुसार, इस धमकी भरे मेल में सीधे तौर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का नाम लिया गया है। मेल में यह दावा किया गया कि इस साजिश के पीछे आईएसआई का हाथ है और कोर्ट परिसर में चार शक्तिशाली बम पहले ही लगाए जा चुके हैं।

इसके अलावा धमकी संदेश में चेतावनी दी गई है कि यदि बिहार सरकार प्रवासी मजदूरों को तमिलनाडु भेजना बंद नहीं करती तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। इस मेल ने मामले को और भी संवेदनशील बना दिया है क्योंकि इसमें राज्य और देश की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को जोड़ा गया है।


कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी का माहौल

ईमेल प्राप्त होते ही पटना पुलिस हरकत में आ गई। कोर्ट परिसर में मौजूद न्यायाधीशों, वकीलों और कर्मचारियों को तुरंत सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। पूरी बिल्डिंग को खाली करवा दिया गया ताकि तलाशी अभियान में किसी तरह की बाधा न हो।

बम निरोधक दस्ता (Bomb Disposal Squad) और श्वान दल (Dog Squad) की मदद से पूरे परिसर की बारीकी से जांच शुरू की गई। सभी वाहनों, पार्किंग एरिया, कोर्ट रूम और चेंबर की तलाशी ली गई। सुरक्षा कारणों से कोर्ट की कार्यवाही को भी कुछ समय के लिए रोक दिया गया।


पूर्व में भी मिल चुकी हैं धमकियां

पटना सिविल कोर्ट और पटना हाईकोर्ट को इससे पहले भी कई बार धमकी भरे मेल प्राप्त हो चुके हैं।

  • जनवरी 2024: पटना हाईकोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। उस समय पूरे कोर्ट परिसर को हाई अलर्ट पर रखा गया और सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी।
  • अप्रैल 2025: पटना सिविल कोर्ट को ईमेल के जरिए धमकी दी गई थी।
  • अगस्त 2025: एक मेल में कोर्ट परिसर में आरडीएक्स आईईडी लगाए जाने का दावा किया गया था।

लगातार मिल रही इन धमकियों से साफ है कि किसी न किसी संगठन या व्यक्ति द्वारा कोर्ट और न्यायिक प्रणाली को डराने की कोशिश की जा रही है।


पुलिस और जांच एजेंसियों की भूमिका

धमकी मिलते ही पटना पुलिस ने साइबर सेल और इंटेलिजेंस एजेंसियों को अलर्ट कर दिया। अब जांच इस बात पर केंद्रित है कि यह मेल किसने और कहां से भेजा।

  • ईमेल का आईपी ऐड्रेस ट्रेस किया जा रहा है।
  • मेल किस सर्वर से भेजा गया है, इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है।
  • धमकी में आईएसआई का जिक्र होने से सुरक्षा एजेंसियां इसे एक संभावित आतंकी साजिश मानकर गंभीरता से जांच कर रही हैं।

जांच एजेंसियां इस संभावना को भी नकार नहीं रही हैं कि यह मेल किसी शरारती तत्व द्वारा अफवाह फैलाने के लिए भेजा गया हो। लेकिन लगातार मिल रही धमकियों ने कानून व्यवस्था के लिए चिंता जरूर बढ़ा दी है।


न्यायपालिका की सुरक्षा को लेकर उठे सवाल

यह पहली बार नहीं है जब कोर्ट को धमकी दी गई हो। पिछले कुछ वर्षों में पटना समेत देशभर की कई अदालतों को ईमेल या फोन कॉल के जरिए बम धमकी मिल चुकी है। ऐसे मामलों ने न्यायपालिका की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि:

  • कोर्ट परिसरों में हाई-टेक स्कैनर और मेटल डिटेक्टर लगाए जाने चाहिए।
  • सीसीटीवी निगरानी व्यवस्था को और मजबूत करना होगा।
  • कोर्ट परिसर में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति की बारीकी से जांच की जानी चाहिए।
  • साइबर सुरक्षा को भी मज़बूत करना होगा ताकि ऐसी फर्जी धमकियों की पहचान तुरंत हो सके।

जनता में दहशत और चिंता

इस घटना के बाद आम लोगों में भी डर का माहौल है। वकीलों और कोर्ट आने वाले आम लोगों ने कहा कि बार-बार मिलने वाली धमकियां अब चिंताजनक हो गई हैं। लोग न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा करते हैं, लेकिन अगर सुरक्षा पर सवाल उठेंगे तो यह व्यवस्था पर भी असर डालेगा।


विशेषज्ञों की राय

सुरक्षा मामलों के जानकारों का कहना है कि लगातार मिल रही धमकियां कहीं न कहीं एक बड़े षड्यंत्र की ओर इशारा करती हैं। चाहे ये मेल मज़ाक हों या गंभीर आतंकी चेतावनी, इन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता। हर धमकी की जांच उतनी ही गंभीरता से करनी होगी जितनी एक वास्तविक हमले की।


सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया

बिहार सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच एजेंसियों को सख्त निर्देश दिए हैं। गृह विभाग ने कहा है कि न्यायालयों की सुरक्षा में किसी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी। राज्य के डीजीपी ने भी इस घटना पर तुरंत रिपोर्ट मांगी है और सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता करने के आदेश दिए हैं।


निष्कर्ष

पटना सिविल कोर्ट को मिली बम धमकी कोई साधारण घटना नहीं है। यह न केवल न्यायपालिका की सुरक्षा से जुड़ा मामला है बल्कि राज्य की कानून व्यवस्था और साइबर सुरक्षा की गंभीर परीक्षा भी है।

बार-बार मिलने वाली धमकियां यह संकेत देती हैं कि अब समय आ गया है जब कोर्ट और महत्वपूर्ण सरकारी संस्थानों की सुरक्षा व्यवस्था को और हाई-टेक और सख्त बनाया जाए। साथ ही, साइबर अपराधियों पर भी सख्त कार्रवाई करनी होगी ताकि कोई भी व्यक्ति या संगठन ईमेल और डिजिटल माध्यम का दुरुपयोग कर समाज में डर और अफवाह न फैला सके।