पटना। Bihar Police ने Road Safety के लिए सख्ती बढ़ा दी है। भीड़-भाड़ वाले इलाकों में Auto/E-Rickshaw पर कड़ी निगरानी, ओवरलोडिंग और बिना परमिट वाहनों पर होगी Action। 61 Highway Patrol Vehicles GPS व Geo-Fencing से Monitor करेंगे।
बिहार में लगातार बढ़ते सड़क हादसों को देखते हुए बिहार पुलिस अब सख़्त एक्शन मोड में आ गई है। विशेषकर ऑटो और ई-रिक्शा के संचालन को लेकर पुलिस ने निगरानी और भी तेज़ कर दी है। सड़क सुरक्षा को लेकर आयोजित प्रेस वार्ता में अपर पुलिस महानिदेशक (यातायात) श्री सुधांशु कुमार ने कहा कि हाल के महीनों में ऑटो दुर्घटनाओं से ही 20 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जो बेहद चिंताजनक स्थिति है।
ऑटो-ई रिक्शा संचालन पर निगरानी
भीड़-भाड़ वाले इलाकों में ऑटो और ई-रिक्शा का अवैध संचालन बड़ी समस्या बन चुका है। कई चालक ओवरलोडिंग, बिना परमिट और तकनीकी खामियों वाले वाहनों का प्रयोग कर रहे हैं, जिससे सड़क हादसों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि अब ऐसे वाहनों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ तत्काल चालान एवं जब्ती की कार्रवाई होगी।
सड़क हादसों पर रोकथाम हेतु नई रणनीति
एडीजी यातायात ने जानकारी दी कि सड़क हादसों पर रोकथाम के लिए Persuasive Enforcement की नीति अपनाई जा रही है। इस नीति के तहत न केवल नियम तोड़ने वालों को दंडित किया जाएगा बल्कि जागरूकता अभियान भी चलाए जाएंगे ताकि लोग ट्रैफिक नियमों का पालन करने के महत्व को समझें।
राष्ट्रीय राजमार्ग गश्ती योजना
बिहार पुलिस ने सड़क सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग गश्ती योजना लागू की है। इस योजना के अंतर्गत राज्य के लगभग 3000 किलोमीटर राजमार्ग पर निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए 61 हाईवे पेट्रोल व्हीकल (HPV) तैनात किए गए हैं।
- सभी वाहनों में GPS ट्रैकिंग सिस्टम लगाया गया है।
- वाहनों को Geo-Fencing तकनीक से जोड़ा गया है ताकि उनकी गतिविधियों पर नज़र रखी जा सके।
- इन वाहनों के ज़रिए पुलिस को किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।

वर्ष 2030 तक बड़ा लक्ष्य
भारत सरकार के साथ तालमेल बिठाते हुए बिहार पुलिस ने सड़क हादसों को वर्ष 2030 तक 50% तक कम करने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए न केवल पुलिस बल्कि परिवहन विभाग, स्थानीय प्रशासन और जनसहभागिता को भी शामिल किया जाएगा।
जनता से अपील
एडीजी यातायात श्री सुधांशु कुमार ने जनता से अपील की कि वे सड़क पर नियमों का पालन करें।
- ओवरलोडिंग से बचें।
- शराब पीकर वाहन न चलाएं।
- हेलमेट और सीट बेल्ट का अनिवार्य रूप से प्रयोग करें।
उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल पुलिस की ज़िम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है।
निष्कर्ष
बिहार पुलिस का यह कदम न केवल सड़क हादसों को रोकने की दिशा में अहम है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि राज्य सरकार सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर है। यदि लोग भी पुलिस के साथ सहयोग करें और नियमों का पालन करें, तो आने वाले वर्षों में सड़क हादसों में निश्चित तौर पर बड़ी कमी देखी जा सकती है।