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TCS ने किया 2130 करोड़ का मेगा ऑफिस लीज डील | 14 लाख sqft बेंगलुरु

TCS ने बेंगलुरु के इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी में 14 लाख sqft का ऑफिस स्पेस 15 साल के लिए लीज पर लिया। जानें इस 2130 करोड़ की मेगा डील का पूरा विवरण।

भारत की अग्रणी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने एक बार फिर अपने विस्तार की योजनाओं को लेकर बड़ी सुर्खियाँ बटोरी हैं। कंपनी ने बेंगलुरु के इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी में 360 बिजनेस पार्क में 14 लाख वर्ग फुट (1.4 मिलियन sqft) का ऑफिस स्पेस लीज पर लेकर इस साल की सबसे बड़ी रियल एस्टेट डील को अंजाम दिया है। यह समझौता न केवल भारत की कॉर्पोरेट रियल एस्टेट मार्केट के लिए मील का पत्थर है, बल्कि यह आईटी सेक्टर की लंबी अवधि की रणनीतियों को भी उजागर करता है।

डील की अहम बातें

टीसीएस ने यह स्पेस Labzone Electronics City Developers से 15 साल की लीज अवधि पर लिया है।

  • कुल एरिया: 14 लाख वर्ग फुट
    • टावर 5A: 6.8 लाख sqft
    • टावर 5B: 7.2 लाख sqft
  • कुल किराया: 2130 करोड़ रुपये से अधिक
  • मासिक किराया: 9.31 करोड़ रुपये (₹66.5 प्रति sqft)
  • रेंट एस्केलेशन: हर तीन साल में 12% की वृद्धि
  • सिक्योरिटी डिपॉजिट: 112 करोड़ रुपये
  • एंट्री शेड्यूल:
    • पहला फेज – अप्रैल 2026 (निचली 8 मंज़िलें)
    • दूसरा फेज – अगस्त 2026 (ऊपरी 6 मंज़िलें)

इस डील का रजिस्ट्रेशन बोम्मनहल्ली सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में हुआ है।

क्यों खास है यह डील?

यह डील कई मायनों में अहम है। हाल के वर्षों में, खासकर कोविड-19 महामारी के बाद, आईटी सेक्टर में हाइब्रिड वर्क मॉडल (घर और ऑफिस का मिश्रण) को तेजी से अपनाया गया। कई कंपनियों ने बड़े ऑफिस स्पेस लेने से परहेज किया और खर्चों में कटौती पर जोर दिया। ऐसे में टीसीएस का इतना बड़ा ऑफिस स्पेस लीज पर लेना बाजार को एक सकारात्मक संकेत देता है।

टीसीएस की यह पहल बताती है कि कंपनी लंबी अवधि की योजनाओं को लेकर आश्वस्त है। यह डील न केवल कर्मचारियों के लिए बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराएगी, बल्कि बेंगलुरु को ग्लोबल आईटी हब के रूप में और मजबूत करेगी।

इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी क्यों?

बेंगलुरु का इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी भारत का प्रमुख टेक्नोलॉजी हब है, जहाँ देश-विदेश की दर्जनों आईटी कंपनियाँ अपने ऑफिस संचालित करती हैं। यहाँ मौजूद बेहतर कनेक्टिविटी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्किल्ड वर्कफोर्स और बिजनेस-फ्रेंडली वातावरण इसे कॉर्पोरेट जगत की पहली पसंद बनाता है।

360 बिजनेस पार्क के टावर 5A और 5B में जो सुविधाएँ हैं, उनमें –

  • तीन बेसमेंट पार्किंग
  • एक ग्राउंड फ्लोर
  • 13 अपर फ्लोर
  • आधुनिक डिजाइन और टिकाऊ आर्किटेक्चर

इससे कर्मचारियों को एक वर्ल्ड-क्लास कार्यस्थल मिलेगा।

आईटी इंडस्ट्री पर असर

टीसीएस की यह डील भारतीय आईटी इंडस्ट्री के लिए एक सकारात्मक संकेत है। हाल ही में, कई रिपोर्ट्स में कहा गया था कि आईटी कंपनियाँ हायरिंग में धीमापन और ऑफिस स्पेस की मांग में कमी का सामना कर रही हैं। लेकिन टीसीएस का यह निर्णय बताता है कि टॉप आईटी कंपनियाँ अब भी फिजिकल वर्कस्पेस को अहम मानती हैं।

इसके अलावा, यह डील आने वाले वर्षों में अन्य आईटी कंपनियों को भी प्रेरित कर सकती है कि वे लंबे समय के लिए ऑफिस स्पेस सुरक्षित करें।

आर्थिक दृष्टिकोण से महत्व

  • रियल एस्टेट मार्केट को बूस्ट: इतनी बड़ी डील से बेंगलुरु का कमर्शियल रियल एस्टेट बाजार और मजबूत होगा।
  • रोज़गार के अवसर: नया ऑफिस सेटअप होने से कर्मचारियों की संख्या बढ़ेगी और अप्रत्यक्ष रूप से स्थानीय अर्थव्यवस्था (खानपान, परिवहन, किराए के मकान आदि) को भी लाभ मिलेगा।
  • लॉन्ग-टर्म स्थिरता: 15 साल का समझौता इस बात का संकेत है कि कंपनी को भारतीय बाजार और बेंगलुरु पर पूरा भरोसा है।

भविष्य की रणनीति

टीसीएस का यह कदम बताता है कि कंपनी ग्लोबल क्लाइंट्स के लिए अपनी क्षमता और इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ा रही है। साथ ही, जब पूरी दुनिया में AI और ऑटोमेशन का दबदबा बढ़ रहा है, ऐसे समय में बड़ा और आधुनिक वर्कस्पेस लेना कंपनी की भविष्य की टेक्नोलॉजी रोडमैप का हिस्सा हो सकता है।

निष्कर्ष

टीसीएस की यह मेगा ऑफिस लीज डील केवल एक रियल एस्टेट समझौता नहीं है, बल्कि यह भारत के आईटी सेक्टर की दीर्घकालिक मजबूती और विश्वास का प्रतीक है। 2130 करोड़ रुपये से ज्यादा की इस डील से यह साफ है कि कंपनी भारत को अपने वैश्विक परिचालन का केंद्र बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

आने वाले वर्षों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस कदम से टीसीएस की ग्रोथ स्ट्रेटेजी और बेंगलुरु की आईटी इंडस्ट्री किस तरह नया आयाम प्राप्त करती है।