अप्रैल 2025 की शुरुआत में बिहार के कई जिलों में हुई असमय बारिश और ओलावृष्टि ने खेतों में खड़ी रबी फसलों को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया है। गेहूं, सरसों, चना, मसूर जैसी फसलें कटाई के लिए तैयार थीं, लेकिन अचानक बदले मौसम ने किसानों की सारी मेहनत पर पानी फेर दिया।
🌾 कई जिलों में फसलें तबाह
बारिश के साथ तेज हवाओं और कुछ इलाकों में ओले गिरने से फसलें खेतों में ही गिर गईं या सड़ गईं। कृषि विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस साल रबी उत्पादन में 20% से 40% तक की गिरावट हो सकती है।
📌 सबसे अधिक प्रभावित जिले:
- पटना
- गया
- भोजपुर
- नालंदा
- औरंगाबाद
- समस्तीपुर
- दरभंगा
- रोहतास
🎙️ किसानों की व्यथा
किसान ने बताया :
” गेहूं की फसल तैयार थी, दो दिन में कटाई हो जाती। लेकिन अचानक आई बारिश और आंधी ने सब बर्बाद कर दिया। अब लागत भी नहीं निकलेगी।”
कई जगहों पर खुले में रखे अनाज भीग जाने से दाना काला पड़ गया या उसमें अंकुर फूट गया, जिससे बाजार में उसका मूल्य गिरने की आशंका है।
📉 कितना हुआ नुकसान?
- अनुमानित आर्थिक नुकसान: ₹300 से ₹500 करोड़ तक।
- गेहूं और दालों की गुणवत्ता में गिरावट।
- ग्रीष्मकालीन फसलों की बुआई में देरी की संभावना।
🌦️ बारिश का कारण क्या था?
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, यह बारिश पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के कारण हुई है। हालांकि आने वाले दिनों में मौसम साफ रहने की उम्मीद है, लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण ऐसी घटनाएं अब सामान्य होती जा रही हैं।
📌 निष्कर्ष
यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि असमय मौसम परिवर्तन कैसे किसानों की जिंदगी और आजीविका को संकट में डाल देता है। सरकार, वैज्ञानिक और किसान — सभी को मिलकर अब नई रणनीति बनानी होगी ताकि ऐसी घटनाओं से नुकसान को कम किया जा सके।