• Thu. May 1st, 2025

आज के समय में रेलवे स्टेशन सिर्फ़ यात्रा का स्थान नहीं रह गया है, बल्कि ये हमारे रोज़मर्रा की जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन गए हैं।
हर दिन हज़ारों लोग ट्रेन से सफर करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि रेलवे स्टेशन पर पार्किंग और सुरक्षा की व्यवस्था कितनी सही है?


🚗 पार्किंग सुविधा: सुविधा या परेशानी?

हर रेलवे स्टेशन पर दोपहिया और चारपहिया वाहनों के लिए पार्किंग उपलब्ध रहती है, लेकिन अक्सर लोग इन सुविधाओं को लेकर भ्रमित रहते हैं।

🔖 सामान्य पार्किंग शुल्क (लगभग):

वाहन का प्रकारपहले 2 घंटे12 घंटे24 घंटे
दोपहिया वाहन₹10 – ₹20₹30 – ₹50₹60 – ₹100
चारपहिया वाहन₹30 – ₹100₹100 – ₹150₹200 – ₹400

⚠️ कुछ स्टेशन पर केवल प्रवेश के लिए भी ₹30 – ₹50 तक का शुल्क लिया जाता है।

लेकिन कई बार ओवरचार्जिंग, असली रेट बोर्ड की अनुपस्थिति, और अनौपचारिक एजेंटों द्वारा पैसे वसूलने की शिकायतें सामने आती हैं।


🛡️ सुरक्षा: क्या हमारी गाड़ी वाकई सुरक्षित है?

पार्किंग शुल्क तो लिया जाता है, लेकिन सुरक्षा के नाम पर:

  • सीसीटीवी कैमरे अक्सर खराब रहते हैं
  • गाड़ी की चोरी या नुकसान के मामले सामने आते हैं
  • कोई भी शिकायत दर्ज कराने का सिस्टम नहीं होता

🔍 यात्रियों की असली शिकायतें:

  • “स्टेशन पर बाइक खड़ी की, वापसी पर पता चला कि टायर पंचर कर दिया गया।”
  • “ऑटो वाले पूरे पार्किंग लेन को घेर लेते हैं, कोई कंट्रोल नहीं।”

✅ ज़रूरी सुधार:

  1. स्पष्ट रेट बोर्ड हर स्टेशन पर लगे
  2. 24×7 सीसीटीवी निगरानी
  3. डिजिटल टिकटिंग/QR कोड सिस्टम
  4. अनाधिकृत एजेंटों पर सख्त कार्यवाही
  5. पार्किंग जोन में शिकायत हेल्पलाइन

🗣️ निष्कर्ष:

रेलवे स्टेशन पर पार्किंग और सुरक्षा जैसी छोटी चीज़ें भी आम लोगों के अनुभव को बेहतर या बदतर बना सकती हैं।
जरूरत है कि रेलवे प्रशासन और राज्य सरकार मिलकर ऐसे सिस्टम बनाएं, जो यात्रियों के लिए सुलभ, पारदर्शी और सुरक्षित हों।