अब केवल सूचीबद्ध मीडिया संस्थानों को ही मिलेंगे सरकारी विज्ञापन
पटना, अप्रैल 2024 – बिहार सरकार ने डिजिटल मीडिया को जवाबदेह और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। “बिहार सोशल मीडिया एवं अन्य ऑनलाइन मीडिया नियमावली–2024” के तहत अब सभी सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर और वेब मीडिया प्लेटफॉर्म्स को सूचीबद्ध (Empanelled) होना आवश्यक कर दिया गया है, यदि वे सरकारी विज्ञापनों के पात्र बनना चाहते हैं।
🔍 नियमावली का उद्देश्य:
- फर्जी, भ्रामक और गैर-जिम्मेदार डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अंकुश लगाना
- सरकारी योजनाओं और अभियानों का प्रभावी और सत्य प्रचार
- पारदर्शी विज्ञापन प्रक्रिया और मीडिया की जवाबदेही सुनिश्चित करना
🧾 कौन बन सकता है सूचीबद्ध?
📱 सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर:
- 1 लाख से अधिक फॉलोअर्स (फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, एक्स)
- बीते 6 महीने की एनालिटिक्स रिपोर्ट
- नियमित, समाजोपयोगी और अश्लीलता-मुक्त सामग्री
🌐 वेब मीडिया (Web Portals/News Sites):
- मासिक औसतन 50,000 यूनिक विज़िटर्स
- गूगल एनालिटिक्स/कॉमस्कोर रिपोर्ट अनिवार्य
- कंटेंट की प्रमाणिकता और प्रेस नैतिकता का पालन
📜 सूचीबद्धता का लाभ:
- सरकारी विज्ञापन प्राप्त करने की पात्रता
- आधिकारिक प्रेस पहचान पत्र (यदि स्वीकृत हो)
- प्रेस इवेंट्स और अभियानों में आमंत्रण
- मीडिया क्रेडिबिलिटी और व्यावसायिक विस्तार में वृद्धि
⚠️ अनुशासन और कार्रवाई:
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि:
“यदि कोई सूचीबद्ध डिजिटल मीडिया राष्ट्रविरोधी, सांप्रदायिक या भ्रामक कंटेंट प्रसारित करता है, तो उसकी सूचीबद्धता तत्काल रद्द कर दी जाएगी।”
🤝 निष्कर्ष:
बिहार सरकार की यह पहल डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को एक स्पष्ट दिशा, नियम और सम्मानजनक दायरा देने का कार्य कर रही है। अब मीडिया सिर्फ “वायरल” नहीं, विश्वसनीय और जवाबदेह भी होगा।